- असम के कार्बी आंगलोंग जिले में हुए संघर्ष में दो लोगों की मौत और 38 पुलिसकर्मी सहित 45 लोग घायल हुए हैं.
- हिंसा दो समूहों के प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के बाद शुरू हुई. पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
- प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आदिवासी बेल्ट की जमीन से अवैध कब्जाधारियों को हटाया जाए, जो बिहार से आए हैं.
असम के कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को हिंसा फिर भड़क उठी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 38 पुलिसकर्मियों सहित कुल 45 लोग घायल हो गए. यह हिंसा दो समूहों के प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के बाद शुरू हुई, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. दोनों जिलों (कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग) में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है. कर्फ्यू और निषेधाज्ञा (सेक्शन 163 BNSS) लागू है, रात 5 बजे से सुबह 6 बजे तक आवागमन प्रतिबंधित है. आज से सेना की तैनाती की जाएगी.
कौन मारे गए?
अधिकारियों के मुताबिक 25 वर्षीय दिव्यांग युवक सुरेश दे का शव उस इमारत में मिला, जिसे प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी. दूसरे मृतक की पहचान अथिक तिमुंग के रूप में हुई है, जो झड़पों के दौरान मारा गया.

प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आदिवासी बेल्ट की जमीन Professional Grazing Reserve (PGR), Village Grazing Reserve (VGR) से अवैध कब्जाधारियों को हटाया जाए. इन पर आरोप है कि वे ज्यादातर बिहार से आए लोग हैं, जिन्होंने सालों से इन जमीनों पर कब्जा कर रखा है. ये प्रदर्शनकारी पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन सरकार से बातचीत के बाद उन्होंने मंगलवार को हड़ताल खत्म कर दी.
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मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हिंसा पर जताया दुख
I am closely monitoring the situation in West Karbi Anglong. It is deeply painful that two persons lost their lives during today's unrest.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 23, 2025
Additional security forces will be deployed in Kherani tomorrow to maintain peace. We are in constant touch with all concerned to restore…
इस हिंसा पर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने X पर लिखा, 'कार्बी आंगलोंग में आज की अशांति में दो लोगों की मौत बेहद दुखद है. मैं हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हूं. बुधवार को खेरीनी इलाके में अतिरिक्त फोर्स भेजी जाएगी.' उन्होंने कहा कि सरकार सभी परिवारों को पूरा सहयोग देगी और समाधान संवाद के रास्ते निकलने की कोशिश की जा रही है.
DGP पर हमला, 38 पुलिसकर्मी घायल
असम DGP हरमीत सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उन्होंने हिंसा न करने का आश्वासन दिया था, लेकिन भीड़ ने बम फेंके, तीर चलाए और दुकानों में आग लगाई. उन्होंने बताया कि पत्थर लगने से उनकी कंधे पर भी चोट आई है. DGP ने चेतावनी दी कि अगर कानून हाथ में लिया गया तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.

हिंसा कैसे भड़की?
सोमवार को खेरीनी बाज़ार में भीड़ ने 15 दुकानों और KAAC प्रमुख तुलेरम रोंघांग के घर में आग लगा दी थी. भीड़ ने पुलिस थाने पर भी धावा बोला, जिसे सुरक्षाबलों ने रोक दिया. मंगलवार को दोनों गुट एक हिंसा के खिलाफ और दूसरा अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. अचानक दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया, जिसमें कई मीडिया कर्मी भी घायल हुए. स्थिति बिगड़ते ही पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
इंटरनेट बंद, कर्फ्यू जारी
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग में मोबाइल इंटरनेट अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. जिले में लगाए गए धारा 144 और नाइट कर्फ्यू (शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक) अभी भी लागू हैं.

मामला अब कहां अटका है?
पिछले साल प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेश के बाद रोकना पड़ा. अब सरकार ने जल्द ही त्रिपक्षीय वार्ता कराने का आश्वासन दिया है.
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