मध्य प्रदेश के धार के कारम डैम में रिसाव जारी है. आशंका जताई जा रही है कि अगर समय रहते इस रिसाव को बंद नहीं किया गया तो कोई बड़ी घटना भी हो सकती है. डैम टूटने की आशंकाओं के बीच जो ग्रामीण पहले अपने गांव से चले गए थे वो अब फिर से वापस आ रहे हैं. ग्रामीण का गांव वापस लौटने का कारण उनके मवेशी और खेत को बताया जा रहा है. प्रशासन ने डैम में रिसाव को देखते हुए 18 आदिवासी गांवों से लोगों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराया था. ये सभी गांव धार और खारगांव जिले के हैं. इन ग्रामीणों को जिन सुरक्षित स्थान पर रखा गया था वो डैम साइट से 35 किलोमीटर दूर है. लेकिन प्रशासन के निर्देश की अवहेलना करते हुए ये सभी ग्रामीण डैम में जारी रिसाव के बीच अपने गांव लौट रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से इन कैंपों में ही रहने की अपील की है. इन सब के बीच पैरेलल चैनल से निर्माणाधीन डैम से पानी निकलना प्रारंभ हो गया है. प्रशासन मौके पर मौजूद है और अलर्ट मोड पर है.
पानी निकाले जाने के बाद ही डैम की मरम्मत का काम किया जा सकेगा. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि बड़े पत्थरों की वजह से काम को पूरा करने में देरी हो रही है.
15 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी के बढ़ते दबाव में बांध को टूटने से बचाने के लिए इंजीनियरिंग और जल विज्ञान विशेषज्ञों को तैनात किया गया है. सूत्रों ने कहा कि इसमें से एक तिहाई को तत्काल जारी किया जाना है. इस डैम की जिसकी चौड़ाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है, को बीते चार साल में तैयार किया गया है. इसे बनाने में कुल 304 करोड़ रुपये का खर्च आया है.
एमपी सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट एक और मंत्री के साथ मौके पर हैं. भारतीय वायुसेना भी सर्वे करने में मदद कर रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डैम में रिसाव के बीच कहा कि हमारी कई टीमें वरिष्ठ वैज्ञानिकों की देखरेख में दिन रात काम कर रहे हैं. मैंने घटना को लेकर पहले पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को सूचित कर दिया है. घटना को लेकर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह सेहरावत को भी सूचित किया गया है.
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