विजयपत सिंघानिया, जिन्होंने 2015 में रेमंड समूह के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया था. उन्होंने अपने अलग हो चुके बेटे गौतम सिंघानिया के साथ किसी भी तरह की सुलह से इनकार किया है. पिछले हफ्ते गौतम सिंघानिया द्वारा अपने पिता के साथ पोस्ट की गई एक तस्वीर ने उनके सुलह की अफवाहों को हवा दे दी थी. इंस्टाग्राम पर कैप्शन में लिखा है, "आज अपने पिता को घर पर पाकर खुश हूं और उनका आशीर्वाद ले रहा हूं, आपके हमेशा अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूं पापा."
विजयपत सिंघानिया ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि उनके बेटे ने फोटो खींचने और मीडिया को कड़ा संदेश भेजने के गलत मकसद से उन्हें घर बुलाया था. उन्होंने कहा कि उनके बेटे के सहायक ने उन्हें 20 मार्च को फोन किया और घर बुलाया. उनके मना करने पर उनके बेटे गौतम स्क्रीन पर आए और उन्हें कॉफी के लिए अपने घर आने के लिए मनाया. उन्होंने कहा कि वह बेमन से सहमत हुए. इसके तुरंत बाद, मुझे इंटरनेट पर गौतम के साथ अपनी तस्वीर के साथ संदेश मिलने लगे, जिसमें दावा किया गया कि गौतम और मैंने सुलह कर ली है, जो पूरी तरह से गलत था.
उन्होंने कहा कि निमंत्रण न तो कॉफी के लिए था और न ही अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए था और उन्होंने इसके पीछे के "असली मकसद" पर संदेह जताया. उन्होंने कहा, "10 साल में यह पहली बार है कि मैंने जेके हाउस में प्रवेश किया है और मुझे नहीं लगता कि मुझे दोबारा इसमें प्रवेश करना पड़ेगा." 85 साल के विजयपत सिंघानिया ने 2015 में रेमंड ग्रुप की कमान अपने बेटे गौतम को सौंप दी थी और 2015 में चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद दोनों के रिश्ते में खटास आ गई थी. 2018 में उन्हें रेमंड के एमेरिटस चेयरमैन पद से भी हटा दिया गया था.
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