बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि, ''मैंने 14 साल से कोई तनख्वाह नहीं ली, न मैं सरकारी घर में रहता हूं. मैंने राजनीति से कोई फायदा नहीं लिया. बाकी सांसद और विधायक कमीशन खाते हैं, 20 परसेंट, 30 परसेंट.. दुनिया जानती है. जिनके पास खाने को रोटी नहीं थी, आज वो फॉर्चूनर में चल रहे हैं.'' उन्होंने अपने उत्तर प्रदेश के संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही.
वरुण गांधी ने कहा कि, ''जो लोग अधिकारी के सामने बात नहीं रख सकते, उन अधिकारियों से उनका सम्मान निकालने आया हूं.'' उन्होंने कहा कि, ''मुझे याद है, जब मैं पहली बार संसद गया, जब मैं संसद भवन के अंदर गया, मैंने देखा, एक से एक बड़ी गाड़ी लगी हुई हैं. मैंने एक चिट्ठी सारे सांसदों को लिखी. मैंने कहा, हम सबको देश के लिए अपनी तनख्वाह त्याग देनी चाहिए, ताकि एक संदेश जाए, कि हम राजनीति में पैसे के लिए नहीं, हम राजनीति में संकल्पित होकर आए हैं.''
"सांसद और विधायक कमीशन खाते हैं...", बोले सांसद वरुण गांधी pic.twitter.com/dP7CohRK54
— NDTV India (@ndtvindia) March 25, 2023
उन्होंने कहा कि, ''मैंने 14 साल से कोई तनख्वाह नहीं ली, न मैं सरकारी घर में रहता हूं. मैंने राजनीति से कोई फायदा नहीं लिया. बाकी सांसद और विधायक कमीशन खाते हैं, 20 परसेंट, 30 परसेंट.. दुनिया जानती है. जिनके पास खाने को रोटी नहीं थी, आज वो फॉर्चूनर में चल रहे हैं. लेकिन मैं चार साल पहले इसी गाड़ी में आपके पास आया था. हो सकता है चार साल बाद इसी गाड़ी में आपके पास आऊं.''
बीजेपी सांसद ने कहा कि, ''मुझे दिखावा नहीं करना है. मुझे अपने आपको आपसे बड़ा नहीं दिखाना है. मुझे दबाव पैदा नहीं करना है, भौकाल पैदा नहीं करना है. मुझे आपके और आपके बच्चों के लिए एक ऐसा हिंदुस्तान बनाना है जिसमें आपका झंडा लगातार ऊंचा हो, जिसमें आप छाती चौड़ी करके जी सकें.''
पीलीभीत के बीजेपी सांसद ने केंद्र की अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को भी निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि, ''मैं निजीकरण के खिलाफ हूं. क्यों खिलाफ हूं? क्योंकि यदि रेलवे बिक जाएगा, सेल (SAIL) बिक जाएगा, एयरपोर्ट बिक जाएगा, कंपनी बिक जाएगी, सब बिक जाएगा तो ये गड़ा कला का बच्चा, ये चौरानवे गांव का बच्चा.. इसको कौन नौकरी देगा?''
उन्होंने कहा कि, ''जब वह बच्चा दिल्ली में किसी होटल में जाएगा, नौकरी करने किसी अस्पताल में जाएगा, किसी विश्वविद्यालय में जाएगा, किसी कंपनी में जाएगा... वो तो दिल्ली या बॉम्बे के लोगों को लेंगे. वो तो कहेंगे अंग्रेजी बहुत अच्छा बोलता है, रहन-सहन, पहनावा ठीक है. और जो स्टाइल हमको चाहिए, उसमें है. हमारे पीलीभीत के बच्चे का क्या होगा?''
वरुण गांधी ने कहा, ''क्या हम अपने देश को कुछ चंद लोगों के लिए आगे देखना चाहते हैं? या इसमें समाज के अंतिम व्यक्ति का भी हिस्सा हो. जब किसान आंदोलन चला, वरुण गांधी अकेला व्यक्ति था जिसने किसानों के लिए आवाज उठाई, आपको पता है. और किसी एक भी सांसद ने आवाज नहीं उठाई, क्यों?''
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