
- उपराष्ट्रपति चुनाव में BJP ने विपक्ष की क्रॉस वोटिंग का दावा किया, जिस पर अभिषेक बनर्जी ने प्रतिक्रिया दी है.
- TMC नेता ने कहा है कि विपक्षी दलों के सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है. बनर्जी ने AAP की ओर इशारा किया है.
- वहीं AAP ने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा को बताया है तो उन्हें जनता को भी बताना चाहिए कि किसने किसे वोट दिया.
उपराष्ट्रपति चुनाव एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के नाम रहा. राधाकृष्णन की जीत पहले से तय मानी जा रही थी और हुआ भी बिलकुल ऐसा ही. हालांकि इस चुनाव में भाजपा ने 15 विपक्षी सांसदों के क्रॉस वोटिंग का दावा किया है. इसे लेकर अब तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में कुछ विपक्षी दलों के सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है. बनर्जी ने AAP सांसदों की ओर इशारा किया है.
अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में कहा, "चूंकि यह एक गुप्त मतदान था, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि क्रॉस-वोटिंग हुई या विपक्षी सदस्यों के वोट रद्द कर दिए गए. अगर मैं यह मान भी लूं कि क्रॉस-वोटिंग हुई थी तो AAP जैसी कुछ पार्टियां हैं, जहां एक महिला सांसद खुलेआम भाजपा का समर्थन करती है और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलती हैं, ऐसे 2-4 सांसद हैं".
AAP ने आरोपों को खारिज कर दिया
हालांकि AAP ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा, "चुनाव आयोग जानता है कि किसने किसे वोट दिया... चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करता है. चुनाव आयोग को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए और बताना चाहिए कि किसने किसे वोट दिया. अगर उन्होंने भाजपा को बताया है कि किसने क्रॉस-वोटिंग की तो चुनाव आयोग को जनता को भी बताना चाहिए."
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हो सकता है कि सभी विपक्षी सदस्यों ने सही मतदान किया हो और अगर विपक्ष के सभी 15 वोट खारिज कर दिए जाते तो क्रॉस-वोटिंग नहीं हो सकती थी. अगर आप 50-50 में बांटने पर विचार करें तो हो सकता है कि 5-7 सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की हो.
विपक्षी खेमे में अंदरूनी गतिरोध सामने आया!
हालांकि अभिषेक बनर्जी ने साफ किया कि यह अटकलबाजी का विषय है कि क्या जिन 15 वोटों को रद्द घोषित किया गया, वे सभी इंडिया ब्लॉक के थे या नहीं. हो सकता है कि कुछ लोग ऐसे भी हों, जिन्होंने कहा कि वे इंडिया ब्लॉक के साथ हैं, लेकिन फिर भी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं.
अभिषेक बनर्जी के इस बयान से साफ है कि उपराष्ट्रपति चुनावों में विपक्षी खेमे में अंदरूनी गतिरोध खुलकर सामने आ गया.
रेड्डी को दावे से 15 वोट कम मिले
मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान के खत्म होने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस के मीडिया सेल इंचार्ज और राज्यसभा सांसद जय राम रमेश ने ट्वीट कर दावा किया था कि मतदान में इंडिया ब्लॉक के समर्थन में 315 सांसदों ने विपक्षी दलों की उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में मतदान किया है.
2 घंटे बाद जब चुनाव के नतीजे की घोषणा की गई तो पता चला कि विपक्षी दलों की उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 सांसदों का ही समर्थन मिल पाया है यानी दावे से 15 वोट कम.
विपक्षी दलों का रेड्डी के पक्ष में वोटिंग का दावा
हालांकि तृणमूल लीडरशिप ने दावा किया है कि वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा के सभी 28 और राज्यसभा के सभी 41 सांसदों ने मतदान में भाग लिया और विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को वोट दिया. सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत रॉय अस्वस्थ होने के बावजूद भी मतदान करने आए.
अन्य विपक्षी दलों जैसे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल ने भी कहा है कि उनके सांसदों ने न्यायमूर्ति रेड्डी के पक्ष में मतदान किया. तमिलनाडु की डीएमके ने भी जोर देकर कहा है कि उसके सांसदों ने जरूरत के अनुसार मतदान किया.
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