मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
क्रिकेट टाइकून ललित मोदी से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे के बिजनेस डील पर बचाव की राजे की दलीलों को बीजेपी के नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है। ऐसी खबर है।
इस हफ्ते के आरंभ में, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे के बेटे दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के बीच हुई 13 करोड़ रुपये की डील की सरकार जांच कर रही है और इस पर नियम कानून के मुताबिक ही सरकार चलेगी।
सूत्र कह रहे हैं कि एक तरफ जहां सरकारी रुख यही रहेगा, वहीं दूसरी तरफ वह इस डील के तमाम कागजातों की जांच कर रहा है कि राजनीतिक तौर पर इस डील का बचाव किया जा सकता है या नहीं। अब पार्टी ने यह तय किया है कि पार्टी इस डील का बचाव कर लेगी।
सूत्र बता रहे हैं कि कागजों के अनुसार बीजेपी यह बताएगी कि 2007 में ललित मोदी ने तीन करोड़ का लोन दुष्यंत सिंह को दिया और जिसे एक चेक के माध्यम से 2009 में वापस किया गया। इसमें कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन, आखिर ललित मोदी ने दुष्यंत की कंपनी के 10 रुपये शेयर करीब एक लाख में क्यों खरीदे के मुद्दे पर पार्टी का यह कहना है कि राजे की पैतृक संपत्ति करीब 300 करोड़ रुपये की है और ललित मोदी ने उनके एक शेयर की कीमत करीब एक लाख में रख के कोई फायदा नहीं दिया। और इससे कंपनी को सीधे कोई मुनाफा नहीं हुआ।
हालांकि 2013 में आयकर विभाग में दिए गए रिटर्न में राजे के बेटे ने अपने किले की कीमत मात्र 16 करोड़ रुपये दर्शाई थी और यह भी कहा कि यह उनकी कंपनी के नाम नहीं है बल्कि उनके आश्रितों के नाम है।
वहीं, जब से यह पूछा गया कि कहीं यह ललित मोदी की मॉरीशस की कंपनी की अवैध कमाई तो नहीं, इस पर बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि यह जांच का विषय है और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ललित मोदी पर बनेगा और अगर इसमें कोई दोषी हो दो वह ललित मोदी होगा।
इस हफ्ते के आरंभ में, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मुख्यमंत्री राजे के बेटे दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के बीच हुई 13 करोड़ रुपये की डील की सरकार जांच कर रही है और इस पर नियम कानून के मुताबिक ही सरकार चलेगी।
सूत्र कह रहे हैं कि एक तरफ जहां सरकारी रुख यही रहेगा, वहीं दूसरी तरफ वह इस डील के तमाम कागजातों की जांच कर रहा है कि राजनीतिक तौर पर इस डील का बचाव किया जा सकता है या नहीं। अब पार्टी ने यह तय किया है कि पार्टी इस डील का बचाव कर लेगी।
सूत्र बता रहे हैं कि कागजों के अनुसार बीजेपी यह बताएगी कि 2007 में ललित मोदी ने तीन करोड़ का लोन दुष्यंत सिंह को दिया और जिसे एक चेक के माध्यम से 2009 में वापस किया गया। इसमें कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन, आखिर ललित मोदी ने दुष्यंत की कंपनी के 10 रुपये शेयर करीब एक लाख में क्यों खरीदे के मुद्दे पर पार्टी का यह कहना है कि राजे की पैतृक संपत्ति करीब 300 करोड़ रुपये की है और ललित मोदी ने उनके एक शेयर की कीमत करीब एक लाख में रख के कोई फायदा नहीं दिया। और इससे कंपनी को सीधे कोई मुनाफा नहीं हुआ।
हालांकि 2013 में आयकर विभाग में दिए गए रिटर्न में राजे के बेटे ने अपने किले की कीमत मात्र 16 करोड़ रुपये दर्शाई थी और यह भी कहा कि यह उनकी कंपनी के नाम नहीं है बल्कि उनके आश्रितों के नाम है।
वहीं, जब से यह पूछा गया कि कहीं यह ललित मोदी की मॉरीशस की कंपनी की अवैध कमाई तो नहीं, इस पर बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि यह जांच का विषय है और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ललित मोदी पर बनेगा और अगर इसमें कोई दोषी हो दो वह ललित मोदी होगा।
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