मोदी सरकार को अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के साथ-साथ विपक्षी राजनीतिक पार्टियों का भी विरोध झेलना पड़ रहा था. लेकिन अब केंद्र सरकार को अपनी पार्टी सांसदों की नाराजगी से भी दो-चार होना पड़ रहा है. बीजेपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने इस योजना को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि 'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया। जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार' करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं।
'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 18, 2022
जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार' करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं।
बता दें कि इस योजना को लेकर बीते कुछ दिनों में तमाम अलग-अलग दलों की तरफ से प्रतिक्रिया आ लगातार आ रही है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अग्निपथ योजना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर मनमाने फैसले थोपने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस योजना को लेकर एक ट्वीट भी किया है. जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर देश की ऊर्जा व जनशक्ति सरकार की जनविरोधी नीतियों व योजनाओं के विरोध में ही बर्बाद करने का आरोप लगया है.
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 18, 2022
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ये लोकतांत्रिक शब्द भाजपाई शब्दकोश में नहीं हैं।तभी बार-बार देश पर मनमानी भरे फ़ैसले थोपे जा रहे हैं,जिससे देश की ऊर्जा व जनशक्ति सरकार की जनविरोधी नीतियों व योजनाओं के विरोध में ही बर्बाद हो रही है।
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस योजना को युवाओं के खिलाफ बताया था. आप के सांसद संजय सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि ये सेना को सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर बना रहे हैं. मैट्रिक इंटर करने के बाद कौन सी नौकरी मिलती है, यही सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी. अबतक आर्मी के जो रिटायर्ड लोग हैं, उनमें से कितने लोगों को कहां रखा गया है. सरकार इसका ही आंकड़ा दे दे. उन्हें भी सिक्योरिटी गार्ड वाला ही काम मिलता है, इन्हें भी 4 साल बाद वही करना पड़ेगा.
इस देश में नोटबन्दी लागू करके अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाली मोदी सरकार, जीएसटी से व्यापारियों को, काले कानून से किसानों को बर्बाद करने वाली मोदी सरकार अब सेना को प्राइवेट एजेंसी बनाना चाहती हैं. भारत की सेना देश की सीमाओं की रक्षा के लिए है. आज नरेंद्र मोदी जो अग्निपथ योजना लेकर आए हैं, यह प्राइवेट कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए है. 4 साल की नौकरी के बाद एक युवा के सामने आत्महत्या, भीख मांगने, सिक्योरिटी गार्ड बनने या अपराध के रास्ते ओर जाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचेगा. यह देश की सेना का अपमान है. किसानों के खिलाफ आप काले कानून लेकर आए थे, एक साल लगा दिए वापस लेने में. आज नौजवान सड़क पर हैं, मेरी अपील है कि देश को जलने से बचा लीजिए. ऐसा न हो कि इसे भी आपको वापस लेना पड़े.
वहीं, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस योजना को युवा विरोधी ही बताया था. उन्होंने कहा था कि देश का युवा अगर किसी योजना को नहीं चाह रहा है तो सरकार इसे लागू क्यों कर रही है। युवा खुलकर कह रहे हैं कि इससे हमें खतरा है, हमारे करियर को खतरा है. फिर सरकार उनकी नहीं सुन रही है. देश के बहुत से जाने मानें एक्सपर्ट कह रहे हैं कि इस योजना से हमे मिल रही सेना की सुरक्षा के कवच को खतरा है तो फिर सरकार इन सभी बातों को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है.
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