ज्ञानवापी विवाद मामले में सर्वे कराने और वजू खाने में मिली आकृति सील कर सुरक्षित रखने का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि दिवाकर को धमकी मिलने का मामला सामने आया था. अब इस मामले में कैंट थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन के अर्दली राजेश कुमार सोनकर की तहरीर के आधार पर की गई है.
वहीं, इस मामले में वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस के हाथ अभी पूरी तरह से खाली हैं. अब तक पुलिस यह पता नहीं लगा सकी है कि जज को इंटरनेट कॉल और रजिस्टर्ड चिट्टी भेजकर किसने धमकी दी है. इस बीच जज की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है.
दरअसल, अर्दली राजेश कुमार सोनकर के अनुसार सिविल जज के नाम से 7 जून को आया एक रजिस्टर्ड लेटर उन्हें मिला था. लेटर पर भेजने वाले का नाम इस्लामिक आगाज मूवमेंट का अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दीकी लिखा था. लेटर भेजने वाले का पता नई दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग लिखा था और इसमें धमकी दी गई थी.
इस संबंध में वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिस अफसरों ने बताया कि क्राइम ब्रांच और कैंट थाने की पुलिस की संयुक्त टीम प्रकरण की जांच कर रही है. रजिस्टर्ड चिट्ठी में जो पता लिखा था डाक विभाग की मदद से उसकी भी तस्दीक कराई जा रही है. इस संबंध में एटीएस और एसटीएफ जैसी एक्सपर्ट एजेंसिंयों की भी मदद ली जा रही है.
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