उत्तरकाशी हादसा: 67% ड्रिलिंग पूरी, कुछ घंटों में टनल से निकाले जाएंगे मजदूर; 41 बेड का अस्पताल तैयार

उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने के फैसला किया है. इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है. NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट मिलकर सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में 11 दिन से फंसे 41 मजदूरों को देर रात ही बाहर निकाला जा सकता है. रेस्क्यू टीम ने अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए टनल के एंट्री पॉइंट से 67 फीसदी की ड्रिलिंग पूरी कर ली है. रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 800 mm (करीब 32 इंच) का पाइप ड्रिल कर लिया गया है. अब करीब 10 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है, जिसके आज देर रात पूरी होने की उम्मीद है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 41 मजदूरों को देर रात ही रेस्क्यू कर लिया जाएगा. मजदूरों के लिए 41 बेड का हॉस्पिटल भी तैयार रखा गया है.

उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन की 10 बातें:-

  1. उत्तराखंड पर्यटन विभाग में प्रतिनियुक्त विशेष अधिकारी ने बताया, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम 6 मीटर और आगे बढ़ने में सक्षम हुए हैं. उम्मीद है कि अगले दो घंटों में हम बाकी काम खत्म कर लेंगे. इसके बाद हम मजदूरों तक पहुंच जाएंगे."

  2. ड्रिलिंग पूरी होने के मद्देनदर NDRF की 15 सदस्यीय टीम ने हेलमेट, ऑक्सिजन सिलेंडर, गैस कटर के साथ मोर्चा संभाल लिया है. NDRF की टीम 800 mm की पाइपलाइन के अंदर जाकर मजदूरों को बारी-बारी से निकालेगी. अगर मजदूरों को कमजोरी हुई तो NDRF की टीम ने उन्हें स्केट्स लगी टेंपररी ट्रॉली के जरिए बाहर लाएगी.

  3. NDRF की एक टीम को शाम को टनल में प्रवेश करते देखा गया. विशेषज्ञों सहित 15 डॉक्टरों की एक टीम को साइट पर तैनात किया गया है.

  4.  मजदूरों को बाहर निकालने के बाद 41 एंबुलेंस में चिल्यानीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा. यहां 41 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है. मजदूरों को इस अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जा सकता है.

  5. इस ऑपरेशन को पूरा होने में अभी करीबन 5 से 6 घंटे तक का वक्त और लग सकता है. ये उस स्थिति में होगा जब काम लगातार चलता रहे और आगे कोई अड़चन न आए.

  6. इस बीच मजदूरों को 6 इंच की पाइप से खाना भी पहुंचाया जा रहा है. इस पाइप के जरिए मजदूरों से बात करके उनका मनोबल बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. कुछ मजदूरों ने मोबाइल और चार्जर की मांग की थी. उन्हें ये मुहैया कराया गया है. 

  7. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे. मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायचा लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली.

  8. मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया.

  9. सिलक्यारा टनल हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी. इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए. टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं. चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है. 

  10. उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने के फैसला किया है. इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है. NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट मिलकर सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे.