उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में बड़ा हादसा हुआ. चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को ग्लेशियर फटने (Glacier burst) से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा. ऋषिगंगा में अचानक आई भारी बाढ़ में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट बह गया. ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट, जोशीमठ के क़रीब है. अब तक दस शव मिल चुके हैं. 7 लोगों को एक सुरंग से बचाया भी गया है. राहत और बचाव अभियान बड़े स्तर पर जारी है. 170 लोगों के फंसे होने की आशंका है. उत्तराखंड के चमोली में रविवार की सुबह 11 बजे अचानक ऋषिगंगा नदी का विकराल रूप दिखाई दिया. देखते ही देखते नदी ने अपने भयानक प्रवाह से रास्ते में पड़ने वाले ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को तबाह कर दिया. 11 मेगावॉट के इस पावर प्रोजेक्ट में उस वक्त कई लोग पावर हाउस और सुरंग के आसपास काम में जुटे थे. इससे पहले कि वो संभल पाते, वो सभी नदी के प्रवाह में समा गए. सब कुछ इतनी तेज़ी से हुआ कि आसपास के लोगों की उन्हें चेतावनी देने की कोशिशें नाकाम रहीं.
ऋषिगंगा नदी के साथ आया हज़ारों टन मलबा आसपास के इलाके में फैल गया और कई मज़दूर उसके अंदर दब गए. कुछ देर पहले का पूरा मंज़र ही बदल गया. ऋषिगंगा नदी का विकराल रूप यहां से आगे बढ़ा तो कुछ किलोमीटर आगे धौलीगंगा के पानी के साथ मिलकर उसकी ताक़त बढ़ी और उसने तपोवन पावर प्रोजेक्ट को अपनी चपेट में ले लिया. इस प्रोजेक्ट के निर्माण का काम अभी चल ही रहा है. अचानक आई इस बाढ़ ने किसी को संभलने का मौका नहीं दिया. ऋषिगंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट में जन-धन की भारी हानि हुई.
इससे पहले, राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आपदा से प्रभावित दो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों की जान बचाने के लिए पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल और आईटीबीपी की टीमें काम कर रही है. अब तक दो शवों को बरामद किया गया है. उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि एनडीआरफ की टीम मार्च कर चुकी है जबकि आईटीबीपी और SDRF की टीम पहुंच चुकी है. तबाही में हताहत होने वाले लोगों की संख्या में बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है.
Police, SDRF, Army & ITBP teams are already doing their best to save lives of the workers at both the construction sites, affected by the disaster. Two bodies have already been recovered & we are doing our best to lessen the damage caused by the disaster. #Uttarakhand
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ के चलते आसपास बसे लोगों को हटाया जा रहा है. कई घरों के बहने की आशंका भी जताई जा रही है. साथ ही जोशीमठ के करीब बांध टूटने की भी खबर है. आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हैं. एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से चमोली के लिए भेजी जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
Am constantly monitoring the unfortunate situation in Uttarakhand. India stands with Uttarakhand and the nation prays for everyone's safety there. Have been continuously speaking to senior authorities and getting updates on NDRF deployment, rescue work and relief operations.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
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हादसे के तुरंत बाद निचले इलाकों को खाली करा लिया गया. लेकिन नदी ने निचले इलाकों में कई जगह घरों और खेतों को काफ़ी नुकसान पहुंचा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत घटना की जानकारी ली और राहत और बचाव का काम तेज़ करने का निर्देश दिया.
जोशीमठ से तुरंत राहत और बचाव के लिए आईटीबीपी के सैकड़ों जवान मौके पर पहुंचे. देहरादून और ग़ाज़ियाबाद से एनडीआरएफ़ की टीमों को मौके पर रवाना किया गया. शाम होने तक सात लोगों को मलबे से निकाला जा चुका था. दस लोगों के शव बरामद हो चुके थे लेकिन कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं जिन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं.
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