
- धराली गांव में आए भीषण सैलाब ने पूरे गांव को तबाह कर दिया और लोग अपने मलबे में जीवनयापन कर रहे हैं.
- सैलाब के दिन जो लोग मंदिर में थे, वे सुरक्षित रहे जबकि बाकी गांव में व्यापक तबाही हुई है.
- शनिवार को यहां मुखबा से एक भाई अपनी बहन सुनीता से राखी बंधवाने पहुंचा, जो सैलाब में बच गई थीं.
Uttarakhand Dharali Tragedy: आज पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार पांरपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. लेकिन धराली के लोगों के लिए यह त्योहार सबसे अलग है. बीते मंगलवार को आए एक भीषण सैलाब ने पूरे गांव को तबाह कर दिया. उस दिन जो लोग मंदिर में थे, वो बचे. अब वो लोग अपना मलबे में डूबे अपने घर-द्वार को देखते हुए जैसे-तैसे जीवनयापन कर रहे हैं. इस बीच शनिवार को धराली से राखी पर एक ऐसा वीडिया सामने आया, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दी.
भाई को राखी बांधते फफक-फफक कर रोने लगी बहन
इस वीडियो में एक बहन अपने भाई को राखी बांधते ही फफक-फफक कर रोने लगी. धराली में एक भाई अपनी बहन से राखी बंधवाने आया. धराली गांव में आए सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया. सब कुछ अपने बहाव के साथ ले गया है. मुखबा गांव का एक भाई धराली गांव में रहने वाली बहन सुनीता पंवार से राखी बंधवाने गांव पहुंचा.

भाई के सीने से लगकर रोती बहन.
भाई बोला- उम्मीद नहीं थी कि बहन बचेगी
सुरेश ने कहा कि वह खुशकिस्मत है कि उनकी बहन आज जिंदा है क्योंकि जिस तरह का सैलाब था उनको उम्मीद नहीं थी कि इसमें कोई बचेगा. उनको यह भी उम्मीद नहीं थी सैलाब से बच पाएगी. लेकिन आज उनकी बहन जिंदा है. इसलिए वह अपनी बहन से राखी बनवाने के लिए खुद राखी लेकर आए हैं.

भाई को राखी बांधती सुनीता.
बहन बोलीं- एक सप्ताह से थी राखी की तैयारी, सैलाब ने सब भूला दिया
वहीं सुनीता पवार ने कहा कि बहुत सारे लोग इसमें चले गए और यह आपदा का समय है. मुझे इस बात का जरा भी ध्यान नहीं था कि राखी का त्योहार आ गया है. सुनीता पंवार ने कहा कि राखी की तैयारी मैंने एक हफ्ते से की थी लेकिन यह सैलाब आया तबाही हुई. मैं सब कुछ भूल गई क्योंकि इस सैलाब ने मुझे सब कुछ भुला दिया.
भाई को राखी बांधने के बाद क्या बोलीं सुनीता, देखें वीडियो
धराली में आई आपदा के बीच एक बहन ने भाई को बांधी राखी#Uttarkashi | #DharaliTragedy | #SomeshwarTemple pic.twitter.com/BeAgKiw76r
— NDTV India (@ndtvindia) August 9, 2025
सोमेश्वर महाराज की कृपा से हम सुरक्षितः सुनीता
सुनीता ने आगे कहा कि लेकिन मेरा भाई राखी लेकर आया मुझे राखी बनवाने तब मुझे याद आया. सोमेश्वर देवता और मां गंगे की कृपा मेरी बहन बच गई. सोमेश्वर देवता की कृपा है कि इस गांव में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई. उनकी बहन ने कहा कि ये ऐसा समय है हम लोग पर्व-त्योहार सब भूल गए थे. मैं भूल गई थी कि आज राखी है.
लेकिन आज मेरा भाई यहां आया. तो मुझे ध्यान आया कि सोमेश्वर महाराज की कृपा से हम बच गए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुझे दुख है कि जो लोग इस हादसे के बाद लापता है, उनकी बहनें आज जहां होंगी, रो रही होंगी.
यह भी पढ़ें - Ground Report: धरती में समाए कल्प केदार प्रकट हो जाएंगे! जानें ऐसा क्यों बोल रहे धराली के गांववाले
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं