
उरी में सैन्य बेस पर आतंकी हमले के बाद करीब छह घंटों तक गोलीबारी चलती रही
- उरी में रविवार तड़के सैन्य बेस पर आतंकियों ने हमला कर दिया
- इस हमले में 17 जवान शहीद हो गए, जबकि सभी चार आतंकियों को मार गिराया गया
- पाकिस्तान सरकार कश्मीर में जारी विरोध प्रदर्शनों का समर्थन कर चुकी है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित सैन्य बेस पर हुए आतंकी हमले को पिछले एक दशक में हुआ सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा के पास हुए इस हमले में शामिल आतंकियों को तो सेना ने मार गिराया, लेकिन इस दौरान हमारे 17 जवान भी शहीद हो गए. (पढ़ें विस्तार से)
सरकार से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि यह 'आतंकी हमला जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के पाकिस्तान के बड़े गेम प्लान का हिस्सा है'.
कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुहाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से यहां हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है. इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 80 से ज्यादा लोग की जान जा चुकी है, वहीं 10,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल है.
उरी में आतंकी हमले के बाद इलाके की नाकेबंदी कर छानबीन की जा रही है
सरकार का आरोप है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा भड़का रहा है. पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों का खुला समर्थन करते हुए इसे 'स्वतंत्रता संघर्ष' बताया था.
रविवार सुबह उरी में सैन्य बेस पर आतंकी हमले के बाद करीब छह घंटों तक गोलीबारी चलती रही. अधिकारियों के मुताबिक, ये आतंकी फिदायीन प्रतीत होते हैं, जो तड़के 4 बजे के करीब बेस के प्रशासनिक इलाके में घुसे.
इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी रूस और अमेरिका यात्रा टाल दी है, जो कि आज से शुरू होने वाली थी. उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'उरी में आतंकी हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की. उन्होंने मुझे राज्य की सुरक्षा हालात से अवगत कराया.' (विस्तार से पढ़ें)
उरी के सैन्य बेस पर हुए इस आतंकी हमले को दो दशकों का सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. इससे पहले इसी साल जनवरी की शुरुआत में पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में सात सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.
सरकार से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि यह 'आतंकी हमला जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के पाकिस्तान के बड़े गेम प्लान का हिस्सा है'.
कश्मीर घाटी में 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुहाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से यहां हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी है. इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 80 से ज्यादा लोग की जान जा चुकी है, वहीं 10,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल है.

सरकार का आरोप है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा भड़का रहा है. पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों का खुला समर्थन करते हुए इसे 'स्वतंत्रता संघर्ष' बताया था.
रविवार सुबह उरी में सैन्य बेस पर आतंकी हमले के बाद करीब छह घंटों तक गोलीबारी चलती रही. अधिकारियों के मुताबिक, ये आतंकी फिदायीन प्रतीत होते हैं, जो तड़के 4 बजे के करीब बेस के प्रशासनिक इलाके में घुसे.
इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी रूस और अमेरिका यात्रा टाल दी है, जो कि आज से शुरू होने वाली थी. उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'उरी में आतंकी हमले को लेकर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की. उन्होंने मुझे राज्य की सुरक्षा हालात से अवगत कराया.' (विस्तार से पढ़ें)
उरी के सैन्य बेस पर हुए इस आतंकी हमले को दो दशकों का सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. इससे पहले इसी साल जनवरी की शुरुआत में पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में सात सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जम्मू कश्मीर, उरी हमला, उरी में आतंकी हमला, आतंकी हमला, कश्मीर हिंसा, पाकिस्तान, Jammu And Kashmir, Uri Attack, Uri Base Attack, Terrorist Attack