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This Article is From Mar 20, 2023

आगामी चुनाव में BJP और TDP के फिर साथ आने की सुगबुगाहट, गठबंधन की अटकलों ने पकड़ा जोर

अविभाजित आंध्र प्रदेश में टीडीपी का उन हिस्सों में भी दबदबा था जो अब तेलंगाना का हिस्सा है. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में टीडीपी को केवल 2 सीटों पर ही जीत मिली थी और उसे केवल 3.5 प्रतिशत वोट मिले थे.

आगामी चुनाव में BJP और TDP के फिर साथ आने की सुगबुगाहट, गठबंधन की अटकलों ने पकड़ा जोर
तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था.
नई दिल्ली:

साल 2024 के लोकसभा और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव और इस साल होनेवाले तेलंगाना के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और तेलुगु देशम पार्टी के फिर साथ आने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है. हाल ही में पोर्ट ब्लेयर नगर परिषद के चुनाव में बीजेपी-टीडीपी गठबंधन की एस सेल्वी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है. इसके बाद दोनों पार्टियों के आंध्र प्रदेश में भी साथ आने की संभावना जोर पकड़ रही है. हालांकि राज्य में बीजेपी की वर्तमान सहयोगी जनसेना पार्टी इन खबरों से खुश नहीं है. लेकिन बीजेपी के रणनीतिकारों को लगता है कि टीडीपी से गठबंधन तेलंगाना में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है.

अविभाजित आंध्र प्रदेश में टीडीपी का उन हिस्सों में भी दबदबा था जो अब तेलंगाना का हिस्सा है. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में टीडीपी को केवल 2 सीटों पर ही जीत मिली थी और उसे केवल 3.5 प्रतिशत वोट मिले थे. जानकारों के मुताबिक तेलंगाना के गठन का विरोध करने का खमियाजा टीडीपी को भुगतना पड़ा था. लेकिन बीजेपी टीडीपी के जमीनी संगठन का लाभ लेना चाहती है. बीजेपी इस विधानसभा चुनाव में बीआरएस को कड़ी टक्कर देना चाहती है और उसके लिए टीडीपी के संगठन और समर्थन की जरूरत पड़ेगी.

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तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. उसे 7.1 प्रतिशत वोटों के साथ केवल एक सीट पर जीत मिली थी. लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना प्रदर्शन सुधारा और राज्य की 17 में से चार लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की. उसे 23.53 प्रतिशत वोट मिले और उसने कांग्रेस को पीछे छोड़ दूसरा स्थान हासिल किया.

2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी बीजेपी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हुए 35.56 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे. बीजेपी को लगता है कि टीडीपी के चाहे तेलंगाना में कम ही वोट हो, लेकिन उससे गठबंधन करना बीआरएस से लड़ाई में काम आ सकता है.

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वहीं आंध्र प्रदेश में बीजेपी का गठबंधन फिल्म अभिनेता पवन कल्याण की जन सेना पार्टी से है. जिसे 2019 के विधानसभा चुनाव में 5.53 प्रतिशत वोटों के साथ केवल एक सीट पर जीत मिली थी. पिछले विधानसभा चुनाव में टीडीपी ने हारने के बावजूद 39.17 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और उसे 23 सीटों पर जीत मिली थी.

वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में टीडीपी ने 39.59 प्रतिशत वोटों के साथ तीन सीटें जीती थीं. बीजेपी को एक प्रतिशत से भी कम वोट मिला था और जन सेना पार्टी को 6.30 प्रतिशत ही वोट मिले थे.

जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी के साथ गठबंधन के बाद बीजेपी को तीन सीटों पर जीत मिली थी और टीडीपी ने 16 सीटें जीतीं थीं.

आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वायएसआरसीपी ने पिछले चार साल से केंद्र की मोदी सरकार से तालमेल रखा है और कई विवादास्पद विधेयकों पर सरकार का साथ दिया है. लेकिन बीजेपी राज्य में सत्ता विरोधी माहौल का फायदा लेना चाहती है और ऐसे में उसका आकलन है कि टीडीपी से गठबंधन उसे लाभ पहुंचा सकता है. दिल्ली के शराब घोटाले में वायएसआरसीपी के एक सांसद का नाम आने से भी मुख्यमंत्री जगन मोहन दबाव में हैं. हाल ही में उनकी पीएम मोदी से मुलाकात भी चर्चा में है.

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