विज्ञापन

राहुल गांधी का सारथी बनकर तेजस्वी क्या संदेश दे रहे हैं

संजीव कुमार मिश्र
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 20, 2025 14:35 pm IST
    • Published On अगस्त 20, 2025 13:49 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 20, 2025 14:35 pm IST
राहुल गांधी का सारथी बनकर तेजस्वी क्या संदेश दे रहे हैं

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 17 अगस्त को 'वोट अधिकार यात्रा' शुरू की. सासाराम से शुरू हुई उनकी यह यात्रा 16 दिन तक चलेगी. राहुल की यह यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव पर कितना असर डालेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन इतना तय है कि इसने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है.यात्रा के पहले ही दिन एक तस्वीर सामने आई जिसने राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक बहस छेड़ दी. इस तस्वीर में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उस गाड़ी को ड्राइव कर रहे थे, जिसपर राहुल सवार थे.

यह दृश्य मात्र एक फोटो नहीं था, बल्कि इसमें छिपे राजनीतिक संदेशों ने दूरगामी निहितार्थ पैदा कर दिए.किसी ने इसमें तेजस्वी को गठबंधन का सारथी माना, तो किसी ने इसे आरजेडी की फ्रंट सीट पर मौजूदगी का संकेत करार दिया.सवाल तो यह भी उठे कि क्या यह सब प्रीप्लान था? क्या तेजस्वी की इसके पीछे कोई रणनीति छिपी है? आखिर तेजस्वी यादव इस तस्वीर के जरिए क्या संदेश देना चाहते थे? या यह महागठबंधन की एकजुटता और भविष्य की साझेदारी का प्रतीक था?

वोट अधिकार यात्रा का मकसद 

राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा 16 दिन में करीब 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. उनकी यात्रा बिहार के 25 जिलों से होकर गुजरेगी. इस यात्रा का घोषित उद्देश्य लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करना है. कांग्रेस इसे अपनी राष्ट्रीय राजनीति से भी जोड़कर देख रही है. पार्टी का मानना है कि बिहार जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य से लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए यात्रा की शुरुआत करना संगठन को नई ऊर्जा देगा.

यात्रा के दौरान राहुल गांधी युवाओं, किसानों, महिलाओं और वंचित तबकों से संवाद कर रहे हैं. लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कांग्रेस के लिए यह सिर्फ अधिकारों की लड़ाई नहीं, बल्कि 2025 विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की जमीन पर अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास भी है.

हर तस्वीर के होते हैं सियासी मायने

राजनीति में हर घटना के पीछे गहरे अर्थ छिपे होते हैं. इसलिए तेजस्वी यादव का स्टेयरिंग चलाना और राहुल गांधी का यात्री बनना कोई सामान्य घटना नहीं है. राजनीतिक हलकों में इस तस्वीर के तीन निहितार्थ तलाशे गए? पहला नेतृत्व की स्थिति का संकेत.बिहार की राजनीति में ड्राइविंग सीट आरजेडी के पास है. कांग्रेस भले ही राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पार्टी हो, लेकिन बिहार में गठबंधन की कमान तेजस्वी ही संभाल रहे हैं.दूसरी, गठबंधन में साझेदारी, राहुल गांधी का साथ बैठना यह दिखाता है कि कांग्रेस महागठबंधन में बराबरी से सफर करना चाहती है. यह एक साझेदारी का प्रतीक था, जहां दोनों दल एक-दूसरे की मौजूदगी को स्वीकार कर रहे हैं या फिर एक अन्य संकेत टिकट बंटवारे का भी है. संदेश यह कि ड्राइविंग सीट भले ही आरजेडी के पास हो, लेकिन कांग्रेस भी इस गाड़ी में मौजूद है और उसके हिस्से की सीटों पर गंभीरता से विचार होना चाहिए.

आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन नया नहीं है. यह दशकों पुराना है और बिहार की राजनीति में कई बार दोनों दल साथ-साथ चुनाव लड़ चुके हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का गौरव हासिल किया, जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 19 सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के भीतर तनाव खुलकर सामने आ गया. सीट बंटवारे में आरजेडी ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा, कांग्रेस को केवल नौ सीटें मिलीं और वामदलों को पांच. कांग्रेस का आरोप था कि उसे ऐसी सीटें दी गईं जिन्हें 'मृत सीटें' कहा जाता है, यानी जहां जीत की संभावना लगभग न के बराबर थी. उदाहरण के तौर पर पश्चिमी और पूर्वी चंपारण की 9 सीटों में से 7 और पटना जिले की 4 में से 3 सीटें एनडीए का गढ़ थीं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस वजह से उनका प्रदर्शन कमजोर रहा.

सीट बंटवारा हैं पेचीदा काम 

साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सीट बंटवारे का मुद्दा गरमाया हुआ है. 2020 में आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार भी वह कम से कम 140 सीटों पर दावा जताना चाहती है. कांग्रेस ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं. लेकिन उसकी मांग साफ है कि इस बार उसे जीतने लायक सीटें दी जाएं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने साफ कहा है कि सीटें केवल प्रभाव और जीत की संभावना के आधार पर ही तय की जानी चाहिए.

यहां से तस्वीर का राजनीतिक महत्व और गहरा हो जाता है. क्या तेजस्वी यादव राहुल गांधी को यह संदेश देना चाहते थे कि महागठबंधन की गाड़ी उनकी ड्राइविंग सीट पर ही चलेगी? या फिर यह भरोसा जताना चाहते थे कि वे गठबंधन को सही दिशा में लेकर जाएंगे?

बिहार में कौन होगा सीएम पद का चेहरा 

एक और बड़ी पेचिदगी इस बात की है कि कांग्रेस ने अब तक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है. 2020 में कांग्रेस ने उन्हें सहर्ष मुख्यमंत्री पद का चेहरा मान लिया था, लेकिन इस बार पार्टी नेतृत्व सतर्क है. इसका कारण सीट बंटवारे की अनिश्चितता और आपसी अविश्वास भी है. दूसरी तरफ, आरजेडी के लिए भी यह साफ है कि कांग्रेस के बिना गठबंधन कमजोर हो जाएगा. खुद तेजस्वी यादव कई बार सार्वजनिक मंच से यह कह चुके हैं कि गठबंधन में कोई दरार नहीं है, लेकिन अंदरूनी खींचतान की खबरें लगातार आती रही हैं.

इस तस्वीर को केवल बिहार की राजनीति तक सीमित करके नहीं देखा जा सकता. यह इंडिया ब्लॉक की आंतरिक राजनीति से भी जुड़ी है. लोकसभा चुनाव के बाद जब ममता बनर्जी ने राहुल गांधी की जगह इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व संभालने की इच्छा जताई थी, तो लालू यादव ने सबसे पहले उनका समर्थन किया था. उस समय कांग्रेस और आरजेडी के रिश्तों में तल्खी और गहरी हो गई थी. ऐसे में राहुल गांधी के साथ यात्रा की शुरुआत में तेजस्वी का यह अंदाज विपक्षी एकजुटता की ओर भी इशारा करता है. यह संदेश देने की कोशिश है कि मतभेदों के बावजूद बिहार में महागठबंधन मजबूती से खड़ा है.

राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा भले ही लोकतंत्र और संविधान बचाने के मुद्दे पर केंद्रित हो, लेकिन इसमें छिपे राजनीतिक संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. यात्रा के पहले ही दिन वायरल हुई तस्वीर ने यह साफ कर दिया कि बिहार की राजनीति में आने वाले महीनों में गठबंधन, सीट बंटवारा और नेतृत्व के सवाल सबसे अहम रहेंगे. तेजस्वी का सारथी बनना महज प्रतीक भर नहीं है, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संदेश है कि बिहार में महागठबंधन की गाड़ी की स्टेयरिंग उनके हाथ में है. अब देखना होगा कि राहुल गांधी और कांग्रेस इस गाड़ी में कितनी सहजता से सफर तय कर पाते हैं और आने वाले चुनाव में यह जोड़ी कितना असर दिखा पाती है.

अस्वीकरण: लेखक देश की राजनीति पर पैनी नजर रखते हैं. वो राजनीतिक-सामाजिक मुद्दों पर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे हैं. इस लेख में व्यक्त किए गए विचार उनके निजी हैं, उनसे एनडीटीवी का सहमत या असहमत होना जरूरी नहीं है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com