दिल्ली नगर निगम चुनाव में भारी जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसके लिए आप ने काम भी करना शुरू कर दिया है. अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के 69 जिलों में प्रभारियों की नियुक्ति की है. AAP ने यूपी निकाय चुनाव में सभी 763 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है.
इससे पहले 11 फरवरी को नगर निकाय चुनाव को लेकर आप राज्यसभा सासंद संजय सिंह (Sanjay Singh) और संदीप पाठक (Sandeep Pathak) ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान आप नेताओं ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इस देश को एक सकारात्मक राजनीति दी है. ऐसी राजनीति, जिसमें शिक्षा का स्वास्थ्य जैसी चीजें हैं. आप सांसद संदीप पाठक ने कहा कि इस देश में दो तरह की राजनीति होती है, एक सकारात्मक राजनीति और नकारात्मक राजनीति होती है.
आगामी नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद @SanjayAzadSln जी के निर्देशानुसार निम्न जिला प्रभारी नियुक्त किए गए pic.twitter.com/rFxHZyc5wF
— Aam Aadmi Party- Uttar Pradesh (@AAPUttarPradesh) February 14, 2023
बता दें कि लखनऊ नगर निगम का कार्यकाल 20 जनवरी 2023 से समाप्त हो गया. इसके साथ ही लखनऊ महापौर संयुक्ता भाटिया का कार्यकाल भी खत्म हो गया और उसकी जगह अब तीन सदस्यों की समिति अब प्रशासकीय कामकाज संभाल रही हैं. लखनऊ नगर निगम के अलावा कानपुर नगर निगम, वाराणसी नगर निगम, गोरखपुर नगर निगम, झांसी नगर निगम आदि का कार्यकाल भी खत्म हो चुका है. अगले नगर निकाय चुनाव होने तक उन्हीं के पास इसका अधिकार रहेगा.
जनवरी में 17 नगर निगम, 200 नगरपालिका और 545 नगर पंचायतों में चुनाव होना था. हालांकि ओबीसी आरक्षण के रैपिड टेस्ट फार्मूले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया. योगी आदित्यनाथ सरकार को ओबीसी आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण तय करने का निर्देश दिया. यूपी सरकार ने पांच सदस्यीय आयोग गठित कर दिया है, जो मंडलवार आरक्षण की प्रक्रिया तय करने में जुटा है. इसमें तीन माह का वक्त लग सकता है.
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