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This Article is From Jul 16, 2022

सऊदी अरब में एक साल से अधिक समय से बंधक भदोही का युवक घर लौटा: पुलिस

भदोही के एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि राकेश उपाध्याय ने अपने परिवार को बताया था कि उसे पूरा काम करने के बावजूद सिर्फ एक साल का वेतन मिला है और नाहीं उसे अपना पासपोर्ट वापस मिला है जिससे वह घर लौट सके. 

सऊदी अरब में एक साल से अधिक समय से बंधक भदोही का युवक घर लौटा: पुलिस
प्रतीकात्मक
भदोही (उत्तर प्रदेश):

सऊदी अरब (Saudi Arabia) में एक साल से अधिक समय से बंधक जिले का 35 वर्षीय युवक वहां स्थित भारतीय दूतावास ( Indian Embassy) की मदद से मुक्त होकर घर लौट आया है. पुलिस ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार, जिले के कोइराना थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव का रहने वाला राकेश उपाध्याय (35) सऊदी अरब के रियाद में एक फर्म में प्लंबर का काम करता था. उन्होंने बताया कि वह 2019 में दो साल के अनुबंध पर सऊदी अरब गया था जो 20 मई, 2021 को समाप्त हो गया.

भदोही के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि राकेश उपाध्याय ने अपने परिवार को बताया था कि उसे पूरा काम करने के बावजूद सिर्फ एक साल का वेतन मिला है. उपाध्याय ने अपने परिवार को बताया कि उसके अकामा (सऊदी अरब में ग्रीन कार्ड) की आवधि आठ जून को समाप्त हो जाने के बाद से उसे ना वेतन मिल रहा है और नाहीं उसे अपना पासपोर्ट वापस मिला है जिससे वह घर लौट सके. उसने दावा किया कि वह एक कमरे में बंद है.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस संबंध में राकेश के छोटे भाई कमलेश उपाध्याय ने थाना प्रभारी जय प्रकाश यादव से मिलकर उनसे मिलकर मदद की गुहार लगाई थी.

एसपी ने बताया, ‘‘सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास को मैंने छ्वीट करके घटना की पूरी जानकारी दी.'' उन्होंने बताया, ‘‘जानकारी पर कार्रवाई करते हुए दूतावास ने स्थानीय पुलिस की मदद से फर्म के मालिक को तलब किया. जहां दूतावास को आश्वासन मिला कि उपाध्याय को एक साल का वेतन साढ़े चार लाख रुपया देकर उसे घर लौटने की अनुमति दे दी जाएगी.''

कुमार ने बताया, ''इसके बाद भी कंपनी ने उसे यह कहकर रोका कि काम करो तभी पैसा मिलेगा और दो साल का अनुबंध बढ़ाया जायेगा. मामले को उलझता देख पुलिस ने दूतावास और फर्म को कई पत्र लिखे.''

उन्होंने बताया कि इस बीच एक और तीन जुलाई को भारतीय दूतावास को ट्वीट की मदद से इस संबंध में जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि इन प्रयासों की बदौलत सात जुलाई को उपाध्याय को मुक्त करा लिया गया. 

अधिकारी ने बताया कि राकेश उपाध्याय 14 जुलाई की रात दिल्ली हवाई अड्डा पहुंचा और वहां से शनिवार को वह अपने घर कोइरौना थाना के सोनपुर गांव पहुंच गया है.

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