उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की विशेष जिला अदालत ने 34 साल पुराने मामले में एक दलित व्यक्ति की भूमि पर कब्ज़ा करने के संबंध में 6 लोगों को दोषी करार देते हुए गुरुवार को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक को 17-17 हज़ार रुपये का जुर्माना भी अदा करने का आदेश दिया है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मामला सुरयावा थाना के दानपुर पट्टी पश्चिम ज्ञानपुर जिला वाराणसी निवासी हीरा लाल हरिजन को सरकार की तरफ से मिली एक बिस्वा भूमि के पट्टे पर बने कच्चे मकान का था.
इसी पर कब्ज़े को लेकर उस समय के भदोही विधायक मूल चंद के बेटे ब्रिज मोहन ने कई लोगों ने देशी कट्टा और बम से हमला करते हुए कच्चा मकान गिरा दिया. दो मोटरसाइकिल, तीन साइकिल को कुचल कर आग लगा कर जला दिया था. यह घटना 18 जून 1989 की दोपहर को हुई थी.
इस मामले में ब्रिज मोहन, जोखन, शिव शंकर, रमा शंकर, गौरीशंकर, राज कुमार, शिव कुमार, ज्वाला प्रसाद, बिहारी लाल, चिंतामणि, बैज नाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. इसकी कार्रवाई और सुनवाई साल 1990 से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वाराणसी की अदालत में चली.
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि भदोही के जिला अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) असद अहमद हाशमी की अदालत ने वर्तमान में शिव शंकर, रमा शंकर, गौरी शंकर, राज कुमार, शिव कुमार, व बैजनाथ को दोषी पाते हुए सभी को 10 -10 साल की सजा सुनाई.
इसके साथ ही प्रत्येक दोषी को 17 -17 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया. जुर्माना अदा नहीं करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त साधारण सज़ा भुगतने का आदेश दिया गया है.
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