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तब मॉरिशस के पीएम प्रयागराज कुंभ में बिना स्नान किए लौट गए थे: CM योगी ने दिलाया याद

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रयागराज में 2013 में आयोजित कुंभ के दौरान अव्यवस्था फैली हुई थी. उन्होंने कहा कि उस समय संगम में नहाने गए मॉरिशस के प्रधानमंत्री गंदगी देख रोते हुए बिना नहाए लौट गए थे.

लखनऊ:

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लखनऊ में एनडीटीवी की ओर से आयोजित 'महाकुम्भ संवाद' में शामिल हुए.इस दौरान उन्होंने एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय  पुगलिया से बातचीत की. इसमें उन्होंने प्रयागराज में 2013 में आयोजित कुंभ, 2019 के कुंभ के आयोजन और 2025 में आयोजित हो रहे महाकुंभ के आयोजन में आए बदलाव और अंतर के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि 2013 के कुंभ में संगम में नहाने आए मॉरिशस के प्रधानमंत्री को संगम की गंदगी देख रोते हुए वापस जाना पड़ा था. इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए उस समय की उत्तर प्रदेश की सरकार पर कुंभ के आयोजन के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया. 

सीएम योगी ने 2013 के कुंभ की दुर्व्यवस्था बताई

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 22 जनवरी को यूपी का पूरा मंत्रिपरिषद प्रयागराज गया था. हमने वहां त्रिवेणी में डुबकी लगाई थी.उन्होंने कहा कि 2013 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ में अव्यवस्था फैली हुई थी.उन्होंने कहा कि आयोजन के प्रति मंशा क्या है, अगर इतने बड़े आयोजन के पीछे अगर व्यक्ति की श्रद्धा नहीं है तो उस आयोजन को सफलतापूर्वक आगे नहीं बढ़ा सकते हैं. दुर्भाग्य से तत्कालीन सरकार ने जिन लोगों के हाथों में व्यवस्था दी थी, क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास इतना समय नहीं होता था कि वो इन विषयों को गंभीरता से देख लें.उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन प्रदेश की इज्जत का प्रश्न होता है, शासन पर सवाल खड़े होते हैं, लेकिन इसके लिए समय निकालना होता है. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सुबह 11 बजे सोकर उठेगा और शाम पांच बजे अपनी महफिल में बैठ जाएगा तो उसे कहां से फुर्सत मिलेगी. उस समय की सरकार ने जिन लोगों के हाथों में कुंभ की व्यवस्था दी थी, उनकी कुंभ के प्रति कोई आस्था नहीं थी. उन्होंने कहा कि उन लोगों ने कुंभ को अव्यवस्था का एक जरिया बना दिया था.

 सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि महाकुंभ 2025 के केवल 11 दिन में ही 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि महाकुंभ 2025 के केवल 11 दिन में ही 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं.

उन्होंने कहा कि इस दु्र्व्यवस्था को समझने के लिए एक घटना पर्याप्त है कि इन्होंने क्या स्थिति बना दी थी. उन्होंने बताया कि मॉरिशस के प्रधानमंत्री कुंभ में स्नान के लिए बड़ी श्रद्धा से आए थे. लेकिन जब उन्होंने संगम में जाकर गंदगी देखी, दुर्व्यवस्था देखी तो उनके आंखों में आंसू थे और वो मां गंगा को प्रणाम कर वहां से निकल गए.

कैसी सुधरी कुंभ की व्यवस्था

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2019 में जब प्रयागराज में कुंभ के आयोजन के साथ मुझे जुड़ने का सौभाग्य मिला. कुंभ के ठीक पहले वाराणसी में प्रवासी दिवस समारोह का आयोजन किया गया था. उसमें भाग के लिए मॉरिशस के प्रधानमंत्री जी आए थे, मैंने उनसे आग्रह किया कि प्रयागराज में कुंभ चल रहा है और आप अगर कुंभ में चलकर स्नान करें तो अच्छा रहेगा.उन्होंने कहा कि मॉरिशस एक ऐसा देश है, जिसने गंगा की स्मृति को अपने यहां अच्छी स्मृति के रूप में एक तालाब में जिवंत बनाए रखा है. उस तालाब का जल जाता, स्वच्छ और मीठा होता है. उस तालाब को लेकर वहां के लोगों में गहरी आस्था है. इसलिए मैंने उनसे कहा कि अगर मॉरीशश से आए हुए लोग संगम में स्नान करेंगे तो अच्छा लगेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि मॉरीशश के प्रधानमंत्री अपनी टीम के साथ प्रयागराज आए और स्नान किया. 

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि मॉरिशस के प्रधानमंत्री के जाने के बाद 75 से अधिक देशों के हेड ऑफ द मिशन प्रयागराज आए थे. उन लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी. उन्होंने कहा कि इस बार भी आप देख रहे होंगे कि देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं, प्रवासी भारतीयों, भारत और सनातन के प्रति सद्भाव रखने वाले विदेशी श्रद्धा भाव के साथ कुंभ से जुड़ रहे हैं. 

महाकुंभ में अबतक कितने श्रद्धालु आए हैं

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक व्यवस्था 2013 में दिखी थी, एक 2019 में और एक आज देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में जो हुआ उसका विस्तार हमने 2025 में बड़े स्केल पर किया है. उन्होंने कहा कि यह काम 2013 में भी हो सकता था, लेकिन इसके लिए समय निकालना होता है. उसके लिए उस दिशा में प्रयास करने की जरूरत होती हैं. उन्होंने कहा कि 2013 में 55 दिन का आयोजन हुआ था, उसमें 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे, वहीं 2025 में केवल 11 दिन में ही 12 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि वो उस समय कर नहीं पाए तो अब दूसरों पर दोषारोपण करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें अवसर मिला और हमने उसे पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ाया. आज हमारे सामने जो नजारा है, आस्था को सम्मान देने का, वह केवल आस्था को सम्मान देने का ही नहीं बल्कि भारत की अर्थव्यस्था को मजबूती प्रदान करने का भी है. इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी एक अवसर हमारे पास आया है. 

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