
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ पर आधारित फिल्म "अजेय" खुद देखने का निर्णय लिया है.
- सेंसर बोर्ड ने बिना फिल्म देखे सर्टिफिकेशन आवेदन खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ निर्माता कोर्ट पहुंचा.
- सेंसर बोर्ड ने फिल्म के 29 डायलॉग गिनाए और 21 कारणों के आधार पर सर्टिफिकेट देने से इनकार किया था.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित फिल्म “अजेय : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ अ योगी” को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने खुद फिल्म देखने का फैसला किया है. कोर्ट इस सप्ताह के अंत में ये फिल्म देखेगी और सोमवार को आदेश सुनाएगी. इस फिल्म का निर्माण सम्राट सिनेमेटिक प्रोडक्शन हाउस ने किया है. शुरू में सेंसर बोर्ड (CBFC) ने फिल्म देखे बिना ही निर्माता की सर्टिफिकेशन एप्लिकेशन खारिज कर दी. इसके खिलाफ प्रोडक्शन हाउस ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने CBFC को निर्देश दिया कि फिल्म देखी जाए और फिर निर्णय लिया जाए. इसके बाद CBFC की एग्ज़ामिनेशन कमिटी ने फिल्म देखी, लेकिन बिना ठोस कारण बताए सर्टिफिकेशन रिजेक्ट कर दिया.
CBFC ने 29 डायलॉग गिनाए
मामला दोबारा कोर्ट पहुंचा, जहां CBFC ने 29 डायलॉग गिनाए कि फिल्म को क्यों मंजूरी नहीं दी गई. निर्माताओं ने दलील दी कि बिना उचित कारण फिल्म को रोका गया है. इसके बाद CBFC की रिवाइजिंग कमिटी ने फिल्म देखी और 8 कारण हटाए, लेकिन 21 कारण बरकरार रखते हुए फिर से फिल्म को खारिज कर दिया. निर्माताओं का कहना है कि न तो स्पष्ट कट और एडिट बताए गए, न ही ठोस वजह दी गई, केवल 21 कारण गिना दिए गए.
इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अब वह खुद फिल्म देखेगी और सोमवार को आदेश देगी.
फ़िल्म में एक्टर की भूमिका अदा करने वाले अभिनेता अजय मेंगी ने कहा कि हमने बहुत कोशिश की कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट दे दे, लेकिन जब कोशिश नाकामयाब रही तब जाकर हमने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमें न्याय देगा और कोर्ट जो भी कहेगा हमें वह मंजूर होगा.
फिल्म में क्या है खास
मेंगी ने आगे कहा कि, इस पिक्चर से हमें एक सीख मिलती है, जो हमें बताती है कि कैसे रहा जाए. अच्छा मानव कैसे बना जाए. लोगों के लिए अच्छे काम कैसे किए जाएं. इस फिल्म का राजनीति से कोई संबंध नहीं है. हमने दिखाया है कि एक छोटे से गांव में पैदा हुआ बच्चा कैसे मठ तक पहुंचता है. लोगों के लिए अच्छे काम करता है.
वहीं फ़िल्म निर्माता के वकील सातत्य आनंद ने कहा कि, जो भी कारण CBFC ने बताए हैं, वह ऐसे कारण हैं, वह ऐसे डायलॉग हैं, जिसे हम रोजाना की जिंदगी में बोलते हैं. रोजमर्रा की बातों में उसका इस्तेमाल करते हैं और इसी वजह से हमने बार-बार कोर्ट का रुख किया और सेंसर बोर्ड ने जो कुछ किया वह उनके संज्ञान में रखा. जिसके बाद अब कोर्ट ने खुद कहा है कि वह इस फिल्म को देखेंगे और तय करेंगे कि आगे क्या करना है?
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