
- देश के कई इलाकों में भारी बारिश की सबसे ज्यादा मार अन्नदाताओं पर पड़ा है, तैयार फसलों को काफी नुकसान
- हरियाणा में धान की तैयार फसल मंडियों में बारिश के कारण हुई खराब
- बारिश के कारण धान के उत्पादन को लेकर भी विशेषज्ञ जताने लगे हैं चिंता
जमीन का सीना चीरा. उमसें बीज लगाया. फिर महीनों की मेहनत के बाद जब इसका मेहनताना पाने का समय आया तो आसमान से बरसती फुहारों देश के अन्नदाताओं को वो दर्द दे दिया, जिससे निकलने में उन्हें फिर महीनों लगेंगे. मंडियों में भींगती धान की बोरियां, बारिश से अपने अन्न को बचाता किसान. ये तस्वीरें किसी को भी कचोट सकती हैं. बड़ी आशा और उम्मीद लिए धान की मंडियों में पहुंचा किसान जब अपनी फसल को भींगते, बर्बाद होते हुए देख रहा होता है तो उसके सीने में बेइंतहा दर्द होता है.
अन्नदाता के लिए उसकी फसल उसके लिए सोने से कम नहीं होती है. उस फसल को जब नुकसान होता है तो किसानों के दिल को लगनी वाली चोट को समझना मुश्किल है. धान के खेत से मंडी तक पहुंचने में फसल को पहुंचाना आज एक संकट बन गया है. हरियाणा के कई इलाकों में धान का सीजन है. लेकिन पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने यहां किसानों को तगड़ा नुकसान किया है.
कहते हैं कई बार एक तस्वीर ही सारी कहानी बयां कर देती हैं. इन दिनों हरियाणा के कई इलाकों से धान के भींगने की तस्वीरें आ रही हैं. तो किसानों को हो रहे नुकसान का अंदाजा आप लगा सकते हैं. प्रकृति की टेढ़ी नजर से तो कोई नहीं बच पाया है, तो अन्नदाता कैसे बच पाएगा? लेकिन इसी धान के बल पर बेटी की शादी का सपना देखने वाले, बेटे के कॉलेज की फीस भरने की उम्मीद लिए उस बाप के दर्द को भला कौन समझेगा?
मौसम की आंख मिचौली ने इस बार न केवल पहाड़ों पर बल्कि मैदानों में भी काफी नुकसान किया है. कहीं पहाड़ों का टूटना तो कहीं अतिवृष्टि से चीजें नष्ट हुई हैं. बारिश से फसल को बचाने के लिए किसान कोशिश तो करते हैं लेकिन धान का जरा सा भी भींगना उनको नुकसान करा जाएगा. क्योंकि नमी वाले धान को खरीदने वाले नहीं होते हैं. हरियाणा के कई इलाकों में बासमाती धान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है.
38 लाख एकड़ से ज्यादा इलाके में फसलें प्रभावित हुई हैं. करीब 7 हजार करोड़ रुपये के धान मंडियों में भीग गए हैं. इससे किसानों के साथ-साथ कारोबारियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है. फसल कटने के बाद बादलों की बदमाशी ने देश के अन्नदाता को बड़ा दर्द दिया है. वो दर्द और बारिश से अपने धान को बचाने वाली तस्वीर सबका दिल चीर रही है.
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