पश्चिम बंगाल की राजनीति में महिला मतदाता हमेशा से एक निर्णायक शक्ति रही हैं. इसी शक्ति को और अधिक संगठित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने एक अनूठा और सांस्कृतिक अभियान ‘उन्नयनेर पांचाली' (विकास की पांचाली) शुरू किया है. इस अभियान के तहत, बंगाल की पारंपरिक लक्ष्मी स्तुति की तर्ज पर महिला कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर ममता सरकार के विकास कार्यों का गुणगान करेंगी.
क्या है 'उन्नयनेर पांचाली'?
पांचाली का पारंपरिक अर्थ देवी लक्ष्मी की स्तुति से है, जिसे बंगाल में महिलाएं भक्ति भाव से गाती हैं. तृणमूल कांग्रेस ने इसी सांस्कृतिक जुड़ाव को राजनीति से जोड़ते हुए पिछले 15 वर्षों के विकास कार्यों को एक 'कथा' या 'स्तुति' का रूप दिया है.
पांचाली का अर्थ होता है देवी लक्ष्मी की स्तुति. परंपरागत रूप से यह स्तुति महिलाएं ही करती हैं. ठीक उसी भाव में, तृणमूल कांग्रेस ने 3,000 महिला कार्यकर्ताओं को एक मंच पर एकत्र कर ‘उन्नयनेर पांचाली' के जरिए पिछले डेढ़ दशक में हुए विकास कार्यों को एक स्वर, एक लय और एक कथा में पिरोने का प्रयास किया है. संदेश साफ है-जब महिलाएं एकजुट होती हैं, तो उनकी आवाज घर-घर तक पहुंचती है.
कार्यक्रम में पार्टी के विधायक, मंत्री, सांसद और वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने महिला कार्यकर्ताओं को बीते 15 वर्षों के विकास कार्यों की पूरी रूपरेखा समझाई- ताकि यही महिलाएं इसे घर-घर, गली-गली और बूथ-बूथ तक पहुंचा सकें.
“महिलाएं ही जमीनी स्तर पर योजनाओं की असली वाहक हैं” - चंद्रिमा भट्टाचार्य
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, “ममता बनर्जी ने हमेशा महिलाओं को प्राथमिकता दी है—चाहे वह आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक सशक्तिकरण हो. 2011 से दीदी सत्ता में आने के बाद से महिलाओं को केंद्र में रखकर नीतियां बनाई गईं. अब 2026 के चुनावों की ओर बढ़ते हुए, दीदी चाहती हैं कि हम महिलाएं सिर्फ महिला योजनाएं नहीं, बल्कि बंगाल में सभी के लिए बनी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएं.”
इस अभियान में आर्थिक सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा ‘स्वास्थ्य साथी' और खाद्य सुरक्षा जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया गया है. “महिलाएं परिवारों और छोटे समूहों तक आसानी से पहुंच सकती हैं. इसी भरोसे के साथ दीदी ने एक बार फिर महिलाओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है. आज ‘उन्नयनेर पांचाली' लॉन्च की जा रही है और हम इसे हर पाड़ा, हर बूथ तक ले जाएंगे. यह अभियान 25 जनवरी तक चलेगा.”
3,000 महिला कार्यकर्ता, एक मंच और विकास का संकल्प
इस कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के विधायक, मंत्री, सांसद और वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे. मंच से महिला कार्यकर्ताओं को बताया गया कि पिछले दशक में सरकार ने क्या-क्या किया है और आने वाले महीनों में इसे जनता तक कैसे पहुंचाया जाएगा. रणनीति स्पष्ट है- महिलाएं घर-घर जाएंगी, परिवारों से संवाद करेंगी और ममता बनर्जी सरकार की योजनाओं को सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाएंगी.
तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि महिलाएं समाज की जमीनी सच्चाई को सबसे बेहतर तरीके से समझती हैं. बहुत सी महिलाएं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना प्रिय नेता मानती हैं और यही वजह है कि उन्हें “मुख्य मतदाता” के रूप में देखा जाता है.
चुनाव से पहले ‘उन्नयनेर पांचाली' दस्तावेज
विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले तृणमूल कांग्रेस ने “Unnoyoner Panchali” नाम से एक विस्तृत प्रदर्शन दस्तावेज जारी किया. यह दस्तावेज कोलकाता में आयोजित राज्य प्रशासनिक बैठक में पेश किया गया, जिसमें सरकार की उपलब्धियों को रोजगार, बुनियादी ढांचे, कल्याण और सामाजिक क्षेत्रों में विस्तार से रखा गया.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुसार, बीते 14.5 वर्षों में दो करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि 1.72 करोड़ लोग 2023 तक गरीबी रेखा से बाहर आए, जबकि युवा बेरोजगारी में 40% की गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही राज्य में छह आर्थिक कॉरिडोर विकसित किए गए हैं, जिनकी निवेश क्षमता दो लाख करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है.
महिला कार्यकर्ताओं की आवाज: “दीदी का विकास घर-घर बताएंगे”
कार्यक्रम में मौजूद सोनिया बर्मन, महिला कार्यकर्ता, ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दीदी ने जो विकास किया है, उसी विकास को हम हर ब्लॉक में जाकर लोगों को बताएंगे. यह शायद सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही संभव है. मोदी जी बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन यहां दीदी ने जमीन पर काम किया है.”
एक अन्य महिला कार्यकर्ता ने कहा, “उन्नयन पंचाली हम लोगों के लिए बहुत जरूरी है. लक्ष्मी भंडार हो या दूसरी योजनाएं- इनसे महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिली है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल की महिलाओं के लिए वास्तव में बहुत काम किया है.”
MSME, महिलाएं और आर्थिक मजबूती
प्रस्तुति का बड़ा हिस्सा MSME सेक्टर पर केंद्रित रहा, जिसे सरकार के अनुसार 1.3 करोड़ नौकरियां प्रदान करने वाला क्षेत्र बताया गया. ममता बनर्जी ने कहा कि महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों में बंगाल देश में अग्रणी है, जिसे 12 लाख स्वयं सहायता समूहों का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने यह भी बताया कि 2011 के बाद से राज्य का कर राजस्व 5.31 गुना बढ़ा है, जबकि कृषि उत्पादन में नौ गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है.
कल्याणकारी योजनाएं: आंकड़ों में सरकार का दावा
मुख्यमंत्री ने प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि,
- 2.21 करोड़ परिवारों को लक्ष्मी भंडार का लाभ मिल रहा है.
- एक करोड़ लड़कियां कन्याश्री योजना के तहत कवर की गई हैं.
- रूपश्री योजना के तहत 22 लाख महिलाओं को विवाह के लिए आर्थिक सहायता दी गई है.
- स्वास्थ्य पर खर्च छह गुना बढ़ा है और स्वास्थ्य साथी योजना के तहत 2.45 करोड़ परिवार बीमित हैं.
राज्य में अब तक 67.69 लाख घरों का निर्माण किया गया है और एक करोड़ घरों का दीर्घकालिक लक्ष्य तय किया गया है. इसके अलावा, 99 लाख घरों तक पाइप से पीने का पानी पहुंच चुका है, नौ करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा के दायरे में हैं और 7.41 करोड़ नागरिकों को घर-द्वार राशन सेवा का लाभ मिल रहा है.
केंद्र पर आरोप और बुनियादी ढांचा
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर 1.87 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद राज्य ने अपने संसाधनों से पथश्री योजना के तहत 60,000 किलोमीटर सड़कें बनाई हैं और गंगासागर ब्रिज व घाटाल मास्टर प्लान जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाया है.
‘उन्नयनेर पांचाली' एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिला शक्ति, सांस्कृतिक परंपरा और विकास की राजनीति का संगम है. देवी लक्ष्मी की स्तुति के प्रतीक के जरिए तृणमूल कांग्रेस विकास की कहानी सुना रही है- और इस कहानी की सबसे मजबूत आवाज हैं बंगाल की महिलाएं, जो अब इसे हर आंगन, हर बूथ और हर घर तक ले जाने के लिए तैयार हैं.
पश्चिम बंगाल के मंत्री शशि पांजा ने कहा कि ममता बनर्जी ने जब से कमान संभाली है तब से लेकर अब तक लगातार महिलाओं की ताक़त बढ़ाई है और अब उस विकास के पथ पर चल रही गांव गांव की महिलाओं के लिए ये उन्नयमेर पंचाली 1 मिसाल बनेगी."
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