उन्नाव रेप पीड़िता की कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी होने से कुछ दिन पहले ही उसके परिजनों ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखकर मामले के आरोपियों से अपनी जान को खतरे की आशंका जताई थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उन्नाव की बलात्कार पीड़िता के घर वालों द्वारा उन्हें लिखी गई चिट्ठी पर रिपोर्ट मांगी है. मीडिया में इस चिट्ठी का उल्लेख किया गया है. सूत्रों के मुताबिक सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी है. चीफ जस्टिस ने पूछा है कि यह चिट्ठी कब सुप्रीम कोर्ट आई, कैसे आई और इसमें क्या मांग की गई है.
गौरतलब है कि बलात्कार पीड़िता के घर वालों ने एक चिट्ठी दी है जो 12 जुलाई को सीजेआई को लिखी गई थी. इसमें उन्होंने आरोपी विधायक के जानकारों द्वारा धमकी देने संबंधी वीडियो भी सलंग्न करने की बात कही है. यह चिट्ठी पीड़िता की मां, बहन और चाची ने लिखी थी. चाची की रायबरेली में हुई घटना में मौत हो चुकी है.
क्यों मामले में नहीं हो पाई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई?
पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. 16 अप्रैल 2019 को इस केस की सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, कुलदीप सिंह सेंगर समेत 15 प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से रजिस्टर्ड एडी के जरिए 28 जून को नोटिस इन प्रतिवादियों को भेजे गए. सीबीआई की ओर से वकील ने 18 जुलाई को वकालतनामा दाखिल किया. हालांकि जांच एजेंसी की ओर से कोई हलफनामा दाखिल नहीं हुआ.
सुप्रीम कोर्ट सूत्रों के मुताबिक डाक विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विधायक सेंगर व अन्य 10 प्रतिवादियों के यहां नोटिस मिल चुके हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई वकालतनामा या जवाब दाखिल नहीं किया गया. जबकि चार प्रतिवादियों के नोटिस नहीं पहुंच पाए, किसी में पता सही न होना, पता अधूरा होना और किसी में प्रतिवादी का अनुपस्थित होना कारण बताया गया.
उन्नाव रेप पीड़िता की कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी होने से कुछ दिन पहले ही उसके परिजनों ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखकर मामले के आरोपियों से अपनी जान को खतरे की आशंका जताई थी. बीते रविवार को रेप पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को ले जा रही कार को रायबरेली में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें पीड़ित की मौसी और चाची की मौत हो गई. हादसे में बलात्कार पीड़ित और उसके वकील बुरी तरह जख्मी हो गए.
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सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पीड़ित के परिजनों द्वारा हिन्दी में लिखा गया यह पत्र चीफ जस्टिस के कार्यालय में प्राप्त हुआ था. चीफ जस्टिस ने सेक्रेटरी जनरल को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार करके पेश करने का आदेश दिया है. रेप पीड़ित और उसके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखा गया यह पत्र 12 जुलाई का है और इसे इलाहाबाद हाईकोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भी भेजा गया है. इस बलात्कार कांड में यूपी के बांगड़मउ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं और उन्हें पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था.
यूपी भाजपा ने मंगलवार को दावा किया कि सेंगर को 2018 में ही पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. चीफ जस्टिस को भेजे गये पत्र में 7-8 जुलाई की घटनाओं का जिक्र है, जिसमें भाजपा विधायक सेंगर से कथित रूप से संबंध रखने वाले कुछ व्यक्तियों ने पीड़ित के परिवार को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी. पत्र पर पीड़ित, उसकी मां और चाची के हस्ताक्षर हैं. पत्र के अनुसार सात जुलाई को बलात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, शशि सिंह, मनोज सिंह, (एक अन्य आरोपी कुलदीप सिंह के भाई) और कन्नू मिश्रा उनके घर आए थे और उन्हें धमकी दी थी. इसके अगले दिन एक अन्य व्यक्ति भी उनके घर आया था.
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पीड़ित और उसके परिवार ने कहा कि पत्र के साथ उस कार का वाडियो भी संलग्न किया गया था, जिसमें ये लोग उनके घर आए थे. पत्र में उन्हें धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. कार दुर्घटना के एक दिन बाद दर्ज प्राथिमकी में भाजपा विधायक, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह और अवधेश सिंह को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है. बता दें कि उन्नाव रेप कांड उस समय चर्चा में आया था जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर कथित रूप से आत्मदाह करने का प्रयास किया था.
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(इनपुट भाषा से भी)
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