सड़क हादसे के बाद उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है. हादसे के पांचवें दिन भी पीड़िता वेंटिलेटर के सहारे सांस ले रही है और उसकी हालत में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है. हालांकि उसके वकील महेंद्र सिंह की हालत में कुछ सुधार हो रहा है. केजीएमसी के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने गुरुवार को बताया कि पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना में पीड़िता की जैसी हालत हो गई, वैसी स्थिति में जल्दी सुधार नहीं आता है. उन्होंने बताया कि पीड़िता के वकील की सेहत में कुछ सुधार देखने को मिला है. 10 घंटे ऑक्सीजन के सहारे रखे जाने के बाद उन्हें कुछ देर के लिए वेंटिलेटर पर रखा गया. डॉ. तिवारी ने बताया कि पीड़िता की सीटी स्कैन रिपोर्ट लगभग सामान्य है. उसके खून के नमूने लेकर कई तरह की जांच कराई गई है. डॉक्टरों की टीम दोनों मरीजों की निगरानी कर रही है.
उन्होंने बताया कि ऐसी हालत में लिए किसी भी मरीज को ज्यादा देर के लिए वेंटिलेटर से नहीं हटाया जा सकता और लगातार भी नहींय मरीज को थोड़ी-थोड़ी देर के लिए बार-बार वेंटिलेटर पर रखा जाता है, ताकि कमजोर अंगों को सहारा मिलता रहे. आपको बता दें कि बीते रविवार को दुष्कर्म पीड़िता अपनी चाची, मौसी और अधिवक्ता के साथ कार से रायबरेली जिला कारागार में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी, तभी रायबरेली में सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार में जोरदार टक्कर मार दी थी. हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी. चाची दुष्कर्म मामले में सीबीआई की गवाह थीं, जबकि गंभीर रूप से घायल पीड़िता व अधिवक्ता का लखनऊ स्थित ट्रमा सेंटर में इलाज चल रहा है.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए इससे जुड़े सभी पांचों मामलों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. मुआवजा यूपी सरकार देगी. वहीं मामले की रोजाना सुनवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं. पीड़िता, उसके परिवार और उसके वकील की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को दी गई है. CBI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहला मामला उन्नाव में नाबालिग लड़की से बलात्कार का है, इस मामले में आरोपपत्र दायर किया जा चुका है, और आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर तथा अन्य जेल में हैं. CBI के मुताबिक, दूसरा मामला उन्नाव रेप पीड़िता के पिता के खिलाफ शस्त्र कानून से संबंधित है, जिसे फर्ज़ी पाया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीसरा मामला रेप पीड़िता की मां ने दर्ज कराया है कि उसके पति को पुलिस हिरासत में मार डाला गया. (इनपुट-आईएएनएस)
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं