सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी संगठनों ने 21 जनवरी से प्रस्तावित चार दिन की हड़ताल टाल दी है। बैंक प्रबंधन (आईबीए) ने वेतन वृद्धि संबंधी मामलों को फरवरी की शुरुआत तक सुलझाने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल टालने का फैसला किया।
यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के संयोजक एमवी मुरली ने कहा, 'चार दिन की हड़ताल टाल दी गई है, क्योंकि आईबीए ने फरवरी के पहले सप्ताह तक वेतन मुद्दे के समाधान का आश्वासन दिया है।'
इससे पहले, दिन में कर्मचारी संगठनों ने वेतन वृद्धि की मांग लंबे समय से अटके होने तथा इस मामले में केंद्र सरकार के ‘अड़ियल रुख’ के विरोध में 21 जनवरी से चार दिन की हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी।
नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि वेतन वृद्धि पर बातचीत जारी रखने के लिए बैंक प्रबंधन भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के अनुरोध पर बैंक हड़ताल टाले जाने का निर्णय किया गया। मुरली ने कहा, 'अगर कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया तो फरवरी में चार से पांच दिन की हड़ताल की नई तारीख की घोषणा की जाएगी।' बैंक कर्मचारियों की वेतन समीक्षा नवंबर 2012 से लंबित है।
इससे पहले, सात जनवरी को एक दिन की हड़ताल करने का फैसला किया गया था जिसे भारतीय बैंक संघ के आग्रह पर टाल दिया गया। उस समय आईबीए ने वेतन में 11 फीसदी की वृद्धि के अपने प्रस्ताव को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया था। यूनियन 29 प्रतिशत वेतन बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।
यूएफबीयू नौ बैंक कर्मचारी तथा अधिकारी संगठनों का मंच है। राणा के अनुसार यूनियनों के बीच हड़ताल टाले जाने को लेकर मतभेद थे। कुछ यूनियन हड़ताल टाले जाने के खिलाफ थे। अपनी मांगों के समर्थन में बैंक यूनियनों ने 2 से 5 दिसंबर को चार दिन की क्रमवार हड़ताल की थी।
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