हिजाब विवाद (Hijab Row) पर कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने हिजाब पर पाबंदी बरकरार रखी है. कोर्ट के इस फैसले का कई नेता समर्थन कर रहे हैं. इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरी सभी से अपील है कि राज्य और देश को आगे बढ़ना है, सभी को HC के आदेश को मानकर शांति बनाए रखनी है. छात्रों का मूल कार्य अध्ययन करना है. इसलिए इन सब को छोड़कर उन्हें पढ़ना चाहिए और एक होना चाहिए. हिजाब पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जिस मसले पर लेकर हंगामा था वह टॉय टॉय फुस्स हो गया है. जो लोग हिजाब को लेकर हर हर हंगामा कर रहे थे वह एक षड्यंत्र साजिश से भरपूर हंगामा था. किस तरह से मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा से अलग करो.
मुख़्तार अब्बास नकवी बोले कि हिजाब पर हिंदुस्तान में प्रतिबंध तो है नही मार्केट में दुकानों में जहां चाहिए हिजाब पहनिए लेकिन जो संस्थान होते है उनके अपने अनुशासन होते हैं ड्रेस कोड होते हैं और उन्हें सभी को मानना पड़ेगा. जो ड्रेस कोड स्कूल है उसको ही पहनना पड़ेगा. जिनको पसंद नही है वह दूसरी जगह जाए. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार के आदेश के उल्लंघन पर कोई केस नहीं दर्ज किया जाए.
I welcome the Court's decision. I appeal to everyone that the state & country has to go forward, everyone has to maintain peace by accepting the order of HC. The basic work of students is to study. So leaving all this aside they should study and be united: Union Min Pralhad Joshi https://t.co/xb3BeAYBQm pic.twitter.com/PBzQHqzX9A
— ANI (@ANI) March 15, 2022
हिजाब मामले में कोर्ट के सुनाए गए फैसले पर बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. बच्चों के साथ उनका जो बचपन है वह हमेशा रहना चाहिए. बच्चे खुश रहे पढ़ाई करें बाकी किसी भी चीज में बच्चों का ध्यान देने की जरूरत नहीं है उचित भी नहीं है और उनके परिवार के लोग भी यह समझे बच्चे बच्चे बच्चे ही होते हैं. जिसके घर में पैदा होते हैं मन लगाकर पढ़ो.
आस्था उनके परिवार में बड़े जो भी हैं वह कभी भी जाएं उनका सुविधा है कोई रोक नहीं रहा है क्या बाजार जा रहे हो क्या परिवार से मिलने जा रहे हो तो हिजाब पहने इसको लेकर कोई रोक-टोक नहीं है इसको लेकर फोर्टिस तो होगा ही लोगों को अच्छा नहीं लग रहा था बच्चे तो बच्चे हैं, उनमें ऐसा डिवाइसीस नहीं होना चाहिए इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश बोले कि हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं,ये पुरानी परम्परा थी लेकिन जानबूझकर विवाद खड़ा किया गया. विवाद के पीछे कुछ संगठन जैसे कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और एसडीपी और राजनीतिक पार्टी है. हम छात्राओं से सहयोग की उम्मीद करते हैं. कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड फॉलो करना पड़ेगा.
इस मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले महीने अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी. पूर्ण पीठ में मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायामूर्ति कृष्ण एम दीक्षित शामिल हैं. इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की ओर से अदालत में दलील दी गई थी कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और धार्मिक निर्देशों को शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रखा जाना चाहिए.
VIDEO: "हिजाब अनिवार्य प्रथा नहीं": कर्नाटक हाइकोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की याचिका खारिज की | पढ़ें
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