नोटबंदी के बाद से बैंकों में जमा हुआ काफी पैसा.
नई दिल्ली:
सरकार संसद के मौजूदा सत्र में कर कानून में संशोधन लाने की योजना बना रही है. इसके तहत नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक घोषित बेहिसाब जमा बैंक राशि पर न्यूनतम 50 प्रतिशत कर लग सकता है. इसके अलावा शेष राशि के आधे हिस्से के निकासी पर चार साल की पाबंदी (लाक इन) होगी.
हालांकि अगर करदाता स्वेच्छा से बेहिसाब राशि के बारे में घोषणा नहीं करता है तो उच्च दर से 90 प्रतिशत कर लगेगा.
मंत्रिमंडल ने शुक्रवार रात आयकर कानून में संशोधन की जो मंजूरी दी है, उसके तहत पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट निर्धारित सीमा से अधिक जमा करने के बारे में अगर आयकर अधिकारियों के समक्ष घोषणा की जाती है तो उस पर 50 प्रतिशत कर लग सकता है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शेष राशि का आधा हिस्सा या मूल जमा का 25 प्रतिशत को चार साल तक निकालने की अनुमति नहीं होगी. उसने बताया कि अगर इस प्रकार के जमा के बारे में घोषणा नहीं की जाती है और उसका पता कर अधिकारियों को चलता है तो कुल 90 प्रतिशत कर और जुर्माना लगाया जाएगा.
सरकार ने नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से 30 दिसंबर यानी 50 दिन में पुराने नोट जमा करने या उसे नई मुद्रा में बदलने की अनुमति दी है. जहां तक रपये बदलने की बात है, इसे पहले पहले 2,000 रपये प्रति व्यक्ति सीमित किया गया और अब इसे वापस ले लिया गया है. वहीं पुराने नोट में कितनी भी राशि बैंक खातों में जमा की जा सकती है.
सूत्रों ने कहा कि इससे केवल दो सप्ताह में खासकर शून्य खाते वाले जनधन खातों में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए हैं. इससे इन खातों को काले धन के सफेद करने में उपयोग को लेकर आशंका बढ़ी है.
कर अधिकारियों ने 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 2.5 लाख रुपये से अधिक बेहिसाब जमा पर कर और उस पर 200 प्रतिशत जुर्माना लगाने की बात की थी. बाद में यह महसूस किया गया कि इस प्रकार की बातों के पीछे कोई कानूनी आधार नहीं है.
इस खामी को दूर करने के लिये ऐसा समझा जाता है कि मंत्रिमंडल ने कल आयकर कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी. इसके तहत एक उपबंध जोड़ा जाएगा जो मोहलत अवधि के दौरान बेहिसाब आय पर कर लगाने का प्रस्ताव करता है.
सरकार की संसद के मौजूदा सत्र में मंजूरी के लिये संशोधन लाने की योजना है. सूत्रों के अनुसार नोटबंदी कालाधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है लेकिन लगी अगर बेहिसाब आय बेनामी जमा के जरिये व्यवस्था में आती है तो मकसद पूरा नहीं होगा. ऐसे में इस पर कर बेईमान लोगों को दंडित करने का तरीका है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हालांकि अगर करदाता स्वेच्छा से बेहिसाब राशि के बारे में घोषणा नहीं करता है तो उच्च दर से 90 प्रतिशत कर लगेगा.
मंत्रिमंडल ने शुक्रवार रात आयकर कानून में संशोधन की जो मंजूरी दी है, उसके तहत पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट निर्धारित सीमा से अधिक जमा करने के बारे में अगर आयकर अधिकारियों के समक्ष घोषणा की जाती है तो उस पर 50 प्रतिशत कर लग सकता है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शेष राशि का आधा हिस्सा या मूल जमा का 25 प्रतिशत को चार साल तक निकालने की अनुमति नहीं होगी. उसने बताया कि अगर इस प्रकार के जमा के बारे में घोषणा नहीं की जाती है और उसका पता कर अधिकारियों को चलता है तो कुल 90 प्रतिशत कर और जुर्माना लगाया जाएगा.
सरकार ने नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से 30 दिसंबर यानी 50 दिन में पुराने नोट जमा करने या उसे नई मुद्रा में बदलने की अनुमति दी है. जहां तक रपये बदलने की बात है, इसे पहले पहले 2,000 रपये प्रति व्यक्ति सीमित किया गया और अब इसे वापस ले लिया गया है. वहीं पुराने नोट में कितनी भी राशि बैंक खातों में जमा की जा सकती है.
सूत्रों ने कहा कि इससे केवल दो सप्ताह में खासकर शून्य खाते वाले जनधन खातों में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए हैं. इससे इन खातों को काले धन के सफेद करने में उपयोग को लेकर आशंका बढ़ी है.
कर अधिकारियों ने 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 2.5 लाख रुपये से अधिक बेहिसाब जमा पर कर और उस पर 200 प्रतिशत जुर्माना लगाने की बात की थी. बाद में यह महसूस किया गया कि इस प्रकार की बातों के पीछे कोई कानूनी आधार नहीं है.
इस खामी को दूर करने के लिये ऐसा समझा जाता है कि मंत्रिमंडल ने कल आयकर कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी. इसके तहत एक उपबंध जोड़ा जाएगा जो मोहलत अवधि के दौरान बेहिसाब आय पर कर लगाने का प्रस्ताव करता है.
सरकार की संसद के मौजूदा सत्र में मंजूरी के लिये संशोधन लाने की योजना है. सूत्रों के अनुसार नोटबंदी कालाधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है लेकिन लगी अगर बेहिसाब आय बेनामी जमा के जरिये व्यवस्था में आती है तो मकसद पूरा नहीं होगा. ऐसे में इस पर कर बेईमान लोगों को दंडित करने का तरीका है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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