बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि वे 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी.
भोपाल:
बीजेपी की दो कद्दावर नेत्रियां सुषमा स्वराज और उमा भारती 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. उमा भारती ने डेढ़ साल पहले हालांकि यह बात कही थी लेकिन मंगलवार को इसे और पुख्ता करते हुए कहा कि वे अगले डेढ़ साल सिर्फ गंगा और राम को देना चाहती हैं. उन्होंने साफ किया कि वे राजनीति से संन्यास नहीं ले रही हैं और आलाकमान से इजाज़त के बाद ही वे अपने मिशन में जुटेंगी.
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भोपाल में मीडिया से बात करते हुए कहा- 'मैं मरते दम तक राजनीति करूंगी, लेकिन डेढ़ साल राम और गंगा के लिए काम करूंगी. इसलिए मैं पार्टी से इसके लिए अनुमति मांगकर 15 जनवरी से गंगा प्रवास करूंगी. डेढ़ साल तक मैं गंगा और राम मंदिर पर ध्यान देना चाहती हूं और इसीलिए मैंने फैसला किया है कि इस बार मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगी.' उन्होंने कहा- 'गंगा के किनारे यात्रा करने के लिए मैं अमित शाह जी से अनुमति लूंगी. डेढ़ साल की गंगा यात्रा करूंगी.'
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी से इस्तीफा मांगने को भी होती है गौहत्या, बुलंदशहर में रहस्यमय जमावड़ा : उमा भारती
उमा ने ये भी कहा कि ''राम मंदिर के लिए किसी आंदोलन की ज़रूरत नहीं है. माननीय अदालत ने कहा ये मामला आस्था का विवाद नहीं बल्कि ज़मीन का विवाद है. 2010 में फ़ैसला आ गया कि बीच का डोम राम लला का है. तो आंदोलन सफल हो गया, इस बात को साबित करने में कि राम जन्मभूमि है वह. इस मामले में सब पार्टियों को एक करने का प्रयास होना चाहिए. मुझे आगे भी कहेंगे तो मैं कोशिश करूंगी. राम मंदिर का मसला देश के सौहार्द के साथ जुड़ा है इसलिए जितनी जल्दी हो सके समाधान करना चाहिए.''
VIDEO : कांग्रेस के वादे पर भड़क उठीं उमा भारती
विदेश मंत्री और एमपी के विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज ने कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी. हालांकि सुषमा स्वराज की चुनाव न लड़ने की वजह उमा भारती से अलग है. वे स्वास्थ्य कारणों से 2019 में चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं.
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भोपाल में मीडिया से बात करते हुए कहा- 'मैं मरते दम तक राजनीति करूंगी, लेकिन डेढ़ साल राम और गंगा के लिए काम करूंगी. इसलिए मैं पार्टी से इसके लिए अनुमति मांगकर 15 जनवरी से गंगा प्रवास करूंगी. डेढ़ साल तक मैं गंगा और राम मंदिर पर ध्यान देना चाहती हूं और इसीलिए मैंने फैसला किया है कि इस बार मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगी.' उन्होंने कहा- 'गंगा के किनारे यात्रा करने के लिए मैं अमित शाह जी से अनुमति लूंगी. डेढ़ साल की गंगा यात्रा करूंगी.'
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उमा ने ये भी कहा कि ''राम मंदिर के लिए किसी आंदोलन की ज़रूरत नहीं है. माननीय अदालत ने कहा ये मामला आस्था का विवाद नहीं बल्कि ज़मीन का विवाद है. 2010 में फ़ैसला आ गया कि बीच का डोम राम लला का है. तो आंदोलन सफल हो गया, इस बात को साबित करने में कि राम जन्मभूमि है वह. इस मामले में सब पार्टियों को एक करने का प्रयास होना चाहिए. मुझे आगे भी कहेंगे तो मैं कोशिश करूंगी. राम मंदिर का मसला देश के सौहार्द के साथ जुड़ा है इसलिए जितनी जल्दी हो सके समाधान करना चाहिए.''
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विदेश मंत्री और एमपी के विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज ने कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी. हालांकि सुषमा स्वराज की चुनाव न लड़ने की वजह उमा भारती से अलग है. वे स्वास्थ्य कारणों से 2019 में चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं.
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