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This Article is From Apr 11, 2018

UIDAI ने कहा- लोगों को अपराधी समझकर नहीं, अपराध से बचाने के लिए आधार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्या पूरी जनसंख्या को निजता के दायरे से बाहर कर आधार से लिंक सिर्फ इसलिए किया जा सकता है ताकि टैक्स चोरी न हो?

UIDAI ने कहा- लोगों को अपराधी समझकर नहीं, अपराध से बचाने के लिए आधार
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली: आधार की अनिवार्यता के मामले में  UIDAI की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोगों को अपराधी समझकर नहीं बल्कि हम आधार को इसलिए लिंक करना चाहते हैं ताकि उन्हें अपराध से बचाया जा सके.

मेहता ने कहा कि जब हवाई यात्रा करते हैं तो सुरक्षा जांच होती है. इसका मतलब ये नहीं कि हम सब हाईजेकर हैं. ये हाईजैकिंग से बचाने के लिए होता है.

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जस्टिस एके सिकरी ने जवाब दिया सुरक्षा तलाशी उनकी होती है जो यात्रा करते हैं. इसकी तुलना आप आधार के मामले में नहीं कर सकते. इसमें हालात ये है कि 128 करोड़ लोगों के बैंक खातों, SIM और PAN कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य बनाया गया है.

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वकील ने कहा इसका मतलब ये नहीं है कि सब दोषी हैं. ये प्रशासनिक फैसला है किसी पर निजी तौर पर संदेह नहीं करता. जस्टिस चंद्रचूड ने कहा आतंकवाद या राष्ट्रीय सुरक्षा की बात तो ठीक, लेकिन क्या पूरी जनसंख्या को निजता के दायरे से बाहर कर आधार से लिंक करने को सिर्फ इसलिए कहा जा सकता है ताकि टैक्स चोरी न हो?

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तुषार मेहता ने कहा कि ये कुछ करोड़ रुपये का मामला नहीं है बल्कि 33000 करोड़ की टैक्स चोरी का मामला है. इस गंभीर समस्या को आधार के जरिए रोका जा सकता है. आधार से PAN को जोड़ना गरीब और अमीर के बीच की खाई को भरने की कोशिश है. सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी.

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