महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने बतौर सीएम कार्यभार संभाल लिया है. हालांकि, उनके सीएम बनने के बाद भी प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है. उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार (1 जुलाई) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया है. पार्टी द्वारा जारी एक पत्र में ठाकरे ने कहा कि शिंदे “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल रहे हैं. हालांकि, इससे पहले एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया है कि वही शिवसेना के नेता हैं क्योंकि ठाकरे खेमा अल्पसंख्यक की स्थिति में है.
उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, "शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं."
इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एकनाथ शिंदे ‘‘शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं'' और पार्टी को किनारे रखकर कोई शिवसेना नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से यह (शिंदे) सरकार बनी और जिन्होंने (भाजपा) यह सरकार बनाई... उन्होंने कहा है कि एक ‘तथाकथित शिवसैनिक' को मुख्यमंत्री बनाया गया है. अगर मेरे और अमित शाह के बीच तय हुई बातों के अनुसार सब कुछ होता, तो सत्ता परिवर्तन बेहतर ढंग से होता और मैं मुख्यमंत्री नहीं बनता या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन नहीं बनता. ''
ठाकरे ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपकर...वे एक बार फिर से (शिंदे) को शिवसेना का मुख्यमंत्री बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. वह (शिंदे) शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. शिवसेना को अलग रखने से शिवसेना का कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता.''
ये भी पढ़ें-
- भाजपा का पूर्व सहयोगी अकाली दल राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का करेगा समर्थन
- "अमित शाह ने अपना वादा निभाया होता तो..."- महाराष्ट्र CM पद से हटने के बाद बोले उद्धव ठाकरे
- मणिपुर भूस्खलन हादसा : 16 की मौत, 55 अब भी लापता; बचाव कार्य जोरों पर
ये भी देखें-हमारे पास 170 विधायक, बहुमत को लेकर कोई सवाल नहीं है: एकनाथ शिंदे
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं