Floor Test verdict : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार के शक्ति परीक्षण (No Trust Vote) को लेकर बुधवार को सु्प्रीम कोर्ट में मैराथन बहस हुई, जो करीब 3.30 घंटे तक चली. ठाकरे कैंप, एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल की ओर से दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि फ्लोर टेस्ट गुरुवार को ही होगा. हालांकि फ्लोर टेस्ट की जरूरत ही नहीं पड़ी और उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के जरिये 9.30 बजे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को सही ठहराया और शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और फ्लोर टेस्ट को लेकर कुछ शर्तें भी लगाई थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का नतीजा 11 जुलाई की सुनवाई के अधीन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कल का परिणाम इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उद्धव ठाकरे का 9.30 बजे फेसबुक लाइव पर संबोधन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख को फ्लोर टेस्ट में वोट करने की इजाजत दे दी थी. सीबीआई और ईडी अपनी कस्टडी में दोनों को विधानसभा लाएंगी. कार्रवाई खत्म होने के बाद जेल भेजे जाएंगे. हालांकि फ्लोर टेस्ट न होने से ये संभावना भी खत्म हो गई. मुंबई में गुरुवार को बहुमत परीक्षण को लेकर धारा 144 भी लगा दी गई थी. साथ ही सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे. इस बीच संजय पांडे की जगह दीपक फनसलकर को मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है.
फैसले के बाद देर रात 9.30 बजे संबोधन में उद्धव ठाकरे त्यागपत्र दे दिया. सीएम ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. साथ ही विधानपरिषद भी छोड़ दी. सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने बुधवार रात को फेसबुक लाइव के जरिये जनता को संबोधित किया.
SC refuses to stay Thursday's floor test for the MVA government in Maharashtra Legislative Assembly
— Press Trust of India (@PTI_News) June 29, 2022
इससे पहले, ठाकरे कैंप ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट (MAHA TRUST VOTE) कराने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर लंबी सुनवाई हुई. उद्धव ठाकरे कैंप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यपाल द्वारा बेहद तेज गति से लिए गए फैसले पर औचित्य उठाया. उन्होंने कहा कि विधायकों की अय़ोग्यता पर फैसले पर रोक के बीच शक्ति परीक्षण कराना सही नहीं है.
उन्होंने राज्यपाल की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा, जो ये सोच रहे हैं कि राज्यपाल पवित्र गाय हैं और स्पीकर राजनीतिक हैं, वो गलतफहमी में हैं. वहीं एकनाथ शिंदे (Eknath Shine) गुट की ओर से पेश वकील नीरज किशन कौल ने कहा, अयोग्यता (Disqualification)के मसले को फ्लोर टेस्ट से जोड़कर नहीं देखा जा सकता. राज्यपाल (Governor) ऐसे निर्देश के लिए मुख्यमंत्री या कैबिनेट से सलाह मशविरा करने के लिए बाध्य नहीं है. शिंदे गुट ने ये भी कहा, पहले भी 24 घंटे के भीतर शक्ति परीक्षण का आदेश दिया गया है. विधायकों की खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने के लिए जल्द से जल्द निर्णय़ लिया जाना जरूरी है.
इससे पहले, गुरुवार को शक्ति परीक्षण की संभावना को देखते हुए शिवसेना (Shiv Sena) के बागी एकनाथ शिंदे गुट के विधायक गुवाहाटी में रैडीसन ब्लू होटल छोड़कर गोवा रवाना हो चुके हैं. गोवा से मुंबई में विधानसभा पहुंचने में उन्हें ज्यादा देर नहीं लगेगी. इस बीच, उद्धव ठाकरे सरकार ने फ्लोर टेस्ट के ठीक पहले बड़ा फैसला लिया है. 1989 बैच के IPS विवेक फलसनकर को मुंबई (Mumbai)का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया. वर्तमान पुलिस आयुक्त संजय पांडे कल रिटायर हो रहे हैं. फलनसकर कल चार्ज ले सकते हैं.
शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी छोड़ गोवा के लिए निकले, महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण के पहले बड़ा कदम उठाया है. इससे पहले महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक भी हुई. इसमें तीन शहरों और कुछ एयरपोर्ट के नाम बदलने का फैसला किया गया. कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर, उस्मानाबाद का नाम धाराशीव और नवी मुंबई का नाम दी बा पाटिल किया गया. फ्लोर टेस्ट और बागी विधायकों के मुंबई पहुंचने की संभावना से पहले मुंबई में धारा 144 लगा दी गई है. बड़े पैमाने पर पुलिस फोर्स और रिजर्व पुलिस बल तैनात किया गया है.
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