कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) द्वारा उदयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर (Udaipur Chintan Shivir) में क्षेत्रीय दलों (regional parties) पर दिए गए बयान ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. राजद, जेडीएस समेत कई दलों ने इसको लेकर कांग्रेस को घेरा है. आरजेडी प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि क्षेत्रीय दलों की बात करें तो बीजेपी से मुकाबले में उनकी सीटों की तादाद ज्यादा संख्या में है. कांग्रेस को "सह-यात्रियों" के रूप में समझौता करना चाहिए और उन्हें (रीजनल पार्टीस) 543 सीटों में से 320 पर ड्राइविंग सीट के तौर पर आगे बढ़ने देना चाहिए. राहुल गांधी ने कहा था कि क्षेत्रीय दलों का अपना स्थान है, लेकिन वो बीजेपी को नहीं हरा सकतीं, क्योंकि उनके पास विचारधारा नहीं है.
जनता दल (सेक्युलर) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से डर महसूस कर रही है. कुमारस्वामी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से क्षेत्रीय दलों को वैचारिक प्रतिबद्धता के बारे में विस्तार से बताने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि देश के अधिकतर हिस्सों में आज कांग्रेस की कोई मौजूदगी नहीं है.
राजद ने राहुल गांधी से क्षेत्रीय दलों के हालिया नतीजों पर गौर करने को कहा है और कहा है कि इन दलों ने बीजेपी के खिलाफ कड़ा मुकाबला दिया है. कांग्रेस नेता के दावे "विचित्र" थे और उनकी अपनी पार्टी के रुख के अनुरूप नहीं थे. ऐसा ही कुछ रुख आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी दिखाया है. चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने कहा था, क्षेत्रीय दल बीजेपी-आरएसएस से नहीं लड़ सकते, क्योंकि उनके पास विचारधारा नहीं है, कांग्रेस ही सिर्फ ऐसा कर सकती है. राज्यसभा सदस्य झा ने कहा, यह बयान मुझे थोड़ा अजीब और विरोधाभासी लगता है.
उन्होंने कांग्रेस के चिंतन शिविर में अपनाए गए घोषणापत्र का जिक्र करते हुए राहुल पर निशाना साधा और कहा कि अगर वह आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो अपने बयान को वापस ले लेंगे. कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस राष्ट्रवाद की भावना और लोकतंत्र की रक्षा के लिए समान विचारों वाले दलों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. झा ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद पर हमले किये क्योंकि भाजपा के खिलाफ चुनावी और वैचारिक लड़ाई में वह केंद्र बिंदु है.
उन्होंने दावा किया कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से लेकर तेजस्वी यादव तक सैकड़ों राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ पार्टी की वैचारिक प्रतिबद्धता की वजह से बहुत कुछ सहा है. झा ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे को लेकर उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन करने का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि जब सोनिया के साथ उनकी पार्टी के नेता नहीं थे, तब लालू प्रसाद उनके साथ खड़े थे.
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