प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के दो आतंकी शेख अजहर-उल-इस्लाम उर्फ अब्दुल सत्तार शेख और मोहम्मद फरहान उर्फ मोहम्मद रफीक को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमरनाथ ने सात वर्ष की सजा सुनाई है. शुक्रवार को अदालत ने इन दोनों द्वारा अपना जुर्म कबूल करने की अर्जी को स्वीकार करते हुए यह सजा सुनाई.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शेख, फरहान और अदनान हसन उर्फ मुहम्मद हुसैन को जनवरी में गिरफ्तार किया था. इन पर अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के लिए लोगों की पहचान करने, उन्हें प्रोत्साहित करने, कट्टर बनाने, भर्ती करने और प्रशिक्षण देने के आरोप लगे थे. अपनी अपील में शेख और फरहान ने अपनी गलती पर पछतावा जताया था.
इन दोनों ने अपनी अर्जी में कहा, "हम वापस मुख्यधारा की जिंदगी में लौटना चाहते हैं और समाज के लिए लाभकारी होने के साथ अपने आपको फिर से आबाद करना चाहते हैं." उन्होंने यह साफ किया था कि उन्होंने बिना किसी दबाव में यह अर्जी दी है. शेख अजहर जम्मू एवं कश्मीर जबकि फरहान महाराष्ट्र निवासी हैं. हसन कर्नाटक राज्य से ताल्लुक रखता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शेख, फरहान और अदनान हसन उर्फ मुहम्मद हुसैन को जनवरी में गिरफ्तार किया था. इन पर अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के लिए लोगों की पहचान करने, उन्हें प्रोत्साहित करने, कट्टर बनाने, भर्ती करने और प्रशिक्षण देने के आरोप लगे थे. अपनी अपील में शेख और फरहान ने अपनी गलती पर पछतावा जताया था.
इन दोनों ने अपनी अर्जी में कहा, "हम वापस मुख्यधारा की जिंदगी में लौटना चाहते हैं और समाज के लिए लाभकारी होने के साथ अपने आपको फिर से आबाद करना चाहते हैं." उन्होंने यह साफ किया था कि उन्होंने बिना किसी दबाव में यह अर्जी दी है. शेख अजहर जम्मू एवं कश्मीर जबकि फरहान महाराष्ट्र निवासी हैं. हसन कर्नाटक राज्य से ताल्लुक रखता है.
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