लेखक और विचारक एस गुरुमूर्ति (S Gurumurthy) ने NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया (Sanjay Pugalia) से बातचीत में 2024 के आम चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के महत्व से लेकर भारत के वैश्विक मंच पर बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने बताया कि सिर्फ दो फैसलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को ग्लोबल प्लेयर बना दिया. पहला, कोरोना वैक्सीन बनाने का निर्णय और दूसरा यूक्रेन युद्ध के दौरान लिया गया फैसला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते हुए एस गुरुमूर्ति ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनने का मतलब आप भारतीय जमीन पर एक ग्लोबल लीडर चुन रहे. मोदी ने आइडिया ऑफ इंडिया को बदलकर रख दिया है. एक समय था, जब कई देशों ने नरेंद्र मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था, लेकिन स्थिति देखिए. हर देश उन्हें आमंत्रित करता है. वैश्विक स्तर पर भारत बदल रहा है. मैं आपको बता सकता हूं कि यह बदलाव भारत के उदय के साथ-साथ मोदी के उदय का है. जो दुनिया उन्हें एक मिनी हिटलर के रूप में देखती थी, आज वह खुद को ग्लोबल लीडर साबित कर पाए हैं. आप सोच सकते हैं कि इसके लिए मोदी ने किस प्रकार की क्षमता और किस प्रकार का प्रयास किया होगा?"
PM मोदी के इस निर्णय पर सब हंस रहे थे...!
एस गुरुमूर्ति ने कहा, "नरेंद्र मोदी को ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री 'बोस' कहते हैं, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन उनका ऑटोग्राफ मांगते हैं. यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने खुद को बदला और भारत को बदल दिया. प्रधानमंत्री मोदी के दो फैसलों से यह साबित होता है. पहला- भारत अपनी कोरोना वैक्सीन बनाएगा. पीएम मोदी ने जब ये घोषणा की, तो हर कोई हंस रहा था. दरअसल, हम हमेशा देखते रहे थे कि वैक्सीन का उत्पादन कोई और करता था, और हम उसका आयात करते थे. वैक्सीन नहीं मिलने, तक हम सभी बीमारियों को झेलते रहते थे. लेकिन पीएम मोदी ने कहा- हम वैक्सीन का उत्पादन करेंगे और भारत ने कोरोना वैक्सीन बनाई... वो भी एक नहीं बल्कि दो-दो. इसके बाद 120 करोड़ लोगों को मुफ्त में वैक्सीन दी."
PM मोदी ने साढ़े चार करोड़ लोगों की जान बचाई!
एस. गुरुमूर्ति ने कहा ने बताया, "अमेरिका में 1.2 मिलियन लोगों की कोविड-19 के कारण जान चली गई. अगर अमेरिका की स्थिति की भारत से तुलना करें, तो ऐसे हालात में भारत में लगभग 45 करोड़ लोग संक्रमित होता और साढ़े चार करोड़ लोगों की जान जाती. पीएम मोदी ने वैक्सीन बनाने का निर्णय लेकर करोड़ों लोगों की जान बचाई. उन्होंने हमें बचाया. नहीं तो हमें कभी वैक्सीन ही नहीं मिलता. कोई भी देश उतनी संख्या में वैक्सीन का उत्पादन नहीं कर सकता था, जितनी हमें जरूरत थी."
दूसरा निर्णय... जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को चरमराने से बचाया
एस. गुरुमूर्ति ने कहा ने कहा, "दूसरा, यूक्रेन पर उनका लिया गया निर्णय. पीएम मोदी के पास निर्णय लेने के लिए 10 दिन नहीं, 10 घंटे नहीं थे... उनके पास निर्णय लेने के लिए शायद कुछ घंटे थे और उन्होंने न्यूट्रल रहने का फैसला लिया, जिसका अर्थ था रूस का समर्थन करना. यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आपके द्वारा किया गया सबसे बड़ा अपमान था और उन्होंने जो किया, वह केवल एक राजनीतिक फैसला नहीं था. वह जानते थे कि यूक्रेन युद्ध का मतलब है कि तेल 200 डॉलर तक पहुंच जाएगा. उन्होंने रूस से रुपये में तेल खरीदने का फैसला किया. इसके चलते तेल की कीमतें कंट्रोल में रहीं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती थीं. कोविड के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की अस्तित्व पर इससे संकट आ सकता था. मगर, हमारे दोनों हाथों में लड्डू थे. इसलिए मेरा मानना है कि भारत एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में उभरा है, जो संभवतः भविष्य में दुनिया को शीत युद्ध से बच सकता है. इसलिए जब आप इस बार एक सरकार और एक नेता को चुन रहे हैं, तो आप भारत की धरती पर एक वैश्विक नेता चुन रहे हैं. भारतीय इतिहास में ऐसा कभी देखने को नहीं मिला है."
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