
उधमपुर में रैली को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी...
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पीएम ने कहा, 'कश्मीर में ऐसी कई और सुरंगें बनाने की योजना है'
खून का खेल 40 साल में किसी का भला नहीं कर पाया है
'सुरंग के कारण कश्मीर घाटी के किसानों को अब घाटा नहीं होगा'
मोदी ने कहा, "यह सुरंग कश्मीर के युवाओं के रोगजार के नए द्वार खोलेगी. कश्मीर में ऐसी कई और सुरंगें बनाने की योजना है. इससे हिंदुस्तान से कश्मीर का जुड़ाव केवल रास्तों का ही नहीं होगा बल्कि दिलों का नेटवर्क भी जुड़ेगा."
प्रधानमंत्री ने कहा, "कश्मीरियत, इंसानियत, जम्हूरियत के मूलमंत्र के साथ कश्मीर को हम विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. खून का खेल 40 साल में किसी का भला नहीं कर पाया है. अगर पर्यटन पर ध्यान दिया गया होता तो पूरी दुनिया कश्मीर आना चाहती. सुरंग के निर्माण से कश्मीर में पर्यटन बढ़ेगा."
उन्होंने प्रदेश की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को केंद्रीय कोष का राज्य के विकास के लिए उपयोग करने पर बधाई दी. उन्होंने आगे मदद जारी रखने का आश्वासन दिया. मोदी ने कहा, "पिछले साल केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 80,000 करोड़ रुपये कि पैकेज का ऐलान किया था और मैं महबूबा और उनकी सरकार को इस बात के लिए बधाई दूंगा कि वह इस राशि में से आधे का प्रयोग कर चुकी है. इस तरह के पैकेज पर काम शुरू करने में वर्षों लग जाते हैं लेकिन महबूबा सरकार ने प्रशंसनीय कार्य किया है." उन्होंने राज्य की पर्यटन संभावनाओं के दोहन की अपील करते हुए घाटी के लोगों से कहा कि प्रदेश की तकदीर बदलने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करें. चेनानी से नाशरी तक बनी यह सुरंग देश की सबसे लंबी सुरंग है. यह विश्वस्तरीय खूबियों के साथ स्मार्ट सुरंग है जिसमें मोबाइल से लेकर इंटरनेट तक काम करता है. इससे पहले प्रधानमंत्री ने प्रदेश की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ खुली जीप में सुरंग का जायजा लिया.
प्रधानमंत्री ने राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की उपस्थिति में नौ किलोमीटर लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया जिसका निर्माण 3720 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. उद्घाटन के बाद मोदी ने वोहरा और महबूबा के साथ सुरंग में खुली जीप में कुछ दूरी तक यात्रा की. प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन अभियंताओं के साथ फोटो खिंचवायी जो इस सुरंग के निर्माण में शामिल थे. बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़ों के नीचे से गुजरने वाली इस सुरंग से यात्रा ढाई घंटे कम हो जाएगी और जम्मू एवं उधमपुर से रामबन, बनिहाल और श्रीनगर जाने वाले यात्रियों को सभी मौसम में सुरक्षित यात्रा प्रदान करेगी. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इस सुरंग के चालू हो जाने से रोजाना करीब 27 लाख रुपये के ईंधन की बचत होने की उम्मीद है. यह सुरंग विश्वस्तरीय सुरक्षा प्रणालियों से लैस है. उम्मीद है कि इससे जम्मू कश्मीर में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा.
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