नई दिल्ली:
Jharkhand Trust Vote: झारखंड विधानसभा में आज शक्ति परीक्षण है... सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और उसके गठबंधन में सहयोगी करीब 40 विधायक आज विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण (Floor Test) के लिए हैदराबाद से रांची लौटे. बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और हेमंत सोरेन विधासभा में पहुंच गए हैं. 81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है.
- झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के सत्तारूढ़ गठबंधन ने भाजपा द्वारा किसी भी खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए अपने विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना भेज दिया था.
- ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि झारखंड के कुछ विधायकों से भाजपा ने संपर्क किया था, जिसे विपक्ष ऑपरेशन लोटस कहता है. इसी डर से फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों को हैदराबाद भेजा गया था.
- 81 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 विधायक हैं, जहां बहुमत का आंकड़ा 41 है. वर्तमान में 43 विधायक चंपई सोरेन का समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि चंपई सोरेन को बहुतम साबित करने में कोई परेशानी नहीं आएगी.
- बीजेपी के पास 25 विधायक हैं और आजसू यानी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के पास तीन विधायक हैं. राकांपा और एक वामपंथी दल के पास एक-एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं. इन सबको मिलाकार भी बहुमत का आंकड़ा बहुत दूर नजर आता है.
- गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जिन्होंने दावा किया था कि वह एक बड़ी साजिश का निशाना हैं, उनको भी विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी गई है. प्रवर्तन निदेशालय की कड़ी आपत्तियों के बावजूद रांची की एक विशेष अदालत ने इसकी अनुमति दे दी है.
- सरकार की सुरक्षा के लिए सत्तारूढ़ विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया. राज्य मंत्री आलमगीर आलम ने आज शाम हैदराबाद से लौटने पर संवाददाताओं से कहा, "हमारे विधायक एकजुट हैं... हमारे पास 48 से 50 विधायकों का समर्थन है."
- समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, झामुमो विधायक मिथिलेश ठाकुर ने दावा किया कि पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन विश्वास मत के माध्यम से आगे बढ़ेगा. उन्होंने दावा किया, "राज्य में कई भाजपा विधायक भी गठबंधन के समर्थन में हैं."
- राज्य में भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि गठबंधन का विश्वास मत हारना तय है. हालांकि, उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि कितने विधायक उनके ओर आ गए हैं.
- चंपई सोरेन, कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता को हेमंत सोरेन के शीर्ष पद से हटने के 24 घंटे बाद 2 फरवरी को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलाई.
- बता दें कि हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री (जिनसे बुधवार सुबह पूछताछ की गई थी) टालमटोल कर रहे थे, और उन सात समन की ओर इशारा किया, जिनका उन्होंने उल्लंघन किया था.