पश्चिम बंगाल में कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. माणिक भट्टाचार्य से देर रात तक पूछताछ चली थी. जिसके बाद आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. माणिक भट्टाचार्य घोटाले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे तृणमूल नेता हैं. इनसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में मनी ट्रेल की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि बर्खास्त मंत्री के व्हाट्सएप चैट इतिहास में रिश्वत लेने की बातचीत है. पलाशीपारा विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल विधायक का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा और फिर आज अदालत में पेश किया जाएगा.
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इस मामले में माणिक भट्टाचार्य का नाम आने के बाद उन्हें बंगाल के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. अदालत ने 30 सितंबर को आदेश जारी करते हुए उन्हें जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया था.
प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है. पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती ‘घोटाले' में धनशोधन की जांच के सिलसिले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की 46.22 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. संघीय एजेंसी कोलकाता की एक विशेष अदालत में अपना पहला आरोपपत्र भी दायर कर चुकी है, जिसमें चटर्जी और मुखर्जी तथा छह कंपनियों को आरोपी बनाया है.
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