तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले (Saket Gokhle) को अहमदाबाद कोर्ट ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि यह "विडंबना" है कि एक पुल गिरने के बाद पीएम की मोरबी यात्रा पर एक ट्वीट के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जबकि "ओरेवा मालिक मुक्त है." ओरेवा समूह के पास उस पुल के पुनर्निर्माण का ठेका था, जो ढह गया था, जिसके परिणामस्वरूप अक्टूबर में इसके फिर से खुलने के केवल चार दिनों के बाद 130 से अधिक मौतें हुईं.
गोखले ने 1 दिसंबर को "आरटीआई से खुलासा किया कि पीएम की मोरबी यात्रा में 30 करोड़ रुपये खर्च हुए", अखबार की कतरनों जैसी दिखने वाली तस्वीरों को ट्वीट किया गया था. इसे सरकार की तथ्य-जांच द्वारा "फर्जी" के रूप में चिह्नित किया गया था.
पुलिस ने कहा कि "एक नागरिक" द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें हिरासत में लिया गया फिर कोविड परीक्षण के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया. सूत्रों ने NDTV को बताया है कि शिकायत बीजेपी नेता अमित कोठारी ने की थी.
साकेत गोखले के मुद्दे को लेकर टीएमसी नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने कहा, "हम लोगों ने देश में एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया. सरकार शुरू में भरोसा देती है, लेकिन बाद में नहीं मानती. डेरेक ओ ब्रायन मीटिंग छोड़कर इस मुद्दे पर गुजरात गए. हमने यह मुद्दा उठाया. दूसरी पार्टियों ने समर्थन किया. एजेंसी अपने सम्मान के मुताबिक काम नहीं करती. संसद में भी यह मुद्दा उठेगा."
साकेत गोखले को ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का करीबी माना जाता है. गुजरात पुलिस ने उन्हें सोमवार को राजस्थान के जयपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. गोखले पर मोरबी हादसे (Morbi Bridge Collapse) को लेकर प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के बारे में गलत खबर फैलाने का आरोप है.
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