ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) को लेकर एक बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं. अब उनके एक हलफनामे में नेत्रहीन और मानसिक रूप से अक्षम होने का दावा करने का मामला सामने आया है. हालांकि नेत्रहीन होने की पुष्टि के लिए होने वाले आवश्यक टेस्ट में हिस्सा लेने से वो अब तक बचती रही हैं. अब तक 6 बार वो जांच के लिए उपस्थित नहीं हुई हैं. जानकारी के अनुसार पहला टेस्ट अप्रैल 2022 में दिल्ली के एम्स में निर्धारित किया गया था. उन्होंने कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव होने का दावा करते हुए इसे टाल दिया था. इसके बाद भी कई बार वह टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं हुईं. सितंबर में छठी बार उन्होंने केवल आधा ही भाग लिया; वह दृष्टि दोष का आकलन करने के लिए एमआरआई टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं हुईं.
कई तरह के विवादों से रहा है नाता
विवादों में रहने वाली पुजा खेडकर ने बिना इजाजत के अपने निजी लग्जरी ऑडी गाड़ी पर सायरन का इस्तेमाल किया था. जिस कारण उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया. पुणे कलेक्टर सुहास दीवसे ने एक रिपोर्ट दी थी जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने ऑफिस में आने से पहले यह मांग की थी कि उन्हें हर वो सुविधा दी जाए जो एक आईएएस अधिकारी को दिया जाता है. गौरतलब है कि ट्रेनी अधिकारियों को अलग केबिन, कार जैसी सुविधाएं नहीं दी जाती है.
यूपीएससी में थी 841 वीं रैंक
यूपीएससी में पूजा खेडकर को 841 वीं रैंक आयी थी. जिसके बाद उन्हें एडिशनल कलेक्टर के पद पर नियुक्ति हुई थी. जानकारी के अनुसार उन्होंने इस पद पर नियुक्ति के बाद कई तरह की सुविधाओं की मांग की थी. गौरतलब है कि खेडकर के पिता एक रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं.
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