केंद्र सरकार द्वारा कपड़े और रेडिमेड वस्त्रों पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किये जाने को लेकर देशव्यापी आवाज बुलंद की जा रही है. इसी विरोध की कड़ी में बुधवार को राजबाड़ा क्षेत्र में इंदौर के रिटेल गारमेंट्स एसोशियन ने अपनी दुकानों के आगे थाली बजाकर विरोध दर्ज कराते हुए शासन का ध्यानाकर्षित किया. व्यापारियों ने माता अहिल्या देवी की प्रतिमा पर जीएसटी कैंसिल ओर केंद्र सरकार को सद्बुद्धि की कामना का ज्ञापन रखा. बाद में वहां उपस्थित पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्मश्री सुमित्रा महाजन को भी ज्ञापन की प्रतिलिपि सौंपकर वित्त मंत्री से इस विषय पर चर्चा कर बढ़ी जीएसटी वापस लेने की मांग की.
कच्चे धागे की बढ़ती कीमतों के चलते भारत का रेडीमेड गारमेंट उद्योग संकट में
इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोशियन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि कपड़ा और गारमेंट उद्योग से सरकार ने बढ़ी जीएसटी वापस नहीं ली तो उग्र आंदोलन करेंगे, लेकिन बढ़ी जीएसटी को कतई स्वीकार नही कर सकते हैं. यह आम जनता पर बहुत बड़ा बोझ डाला जाएगा और इससे पूरी इंड्रस्ट्री ही मर जाएगी.
छोटे कारोबारी बर्बादी की कगार पर, दूसरों को रोजगार देने वाले ढूंढ़ रहे हैं खुद के लिए काम
उन्होंने कहा कि यह हमारी लड़ाई का पहला कदम है. अगले चरण में इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोशियन के बैनर तले 18 दिसंपर को शहरभर के सभी गारमेंट दुकानदार काले कपड़े पहनेंगे और अपनी दुकान पर प्रदर्शित काले गारमेंट्स लगाकर विरोध दर्ज करेंगे. आगे भी यह विरोध जारी रहेगा.
गारमेंट उद्योग की चुनौतियां बढ़ीं, भारत में लागत पड़ रही है महंगी