- आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली हिडमा मारा गया
- माडवी हिडमा पर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था और वह पीएलजीए बटालियन का प्रमुख था
- हिडमा को 2010 में सीआरपीएफ के 76 जवानों के नरसंहार का मास्टरमाइंड माना जाता है
सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है. कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा को एनकाउंटर में मार गिराया गया. हिडमा पर कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था. गृह मंत्री अमित शाह ने 30 नवंबर 2025 की डेडलाइन रखी थी, उससे पहले सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली. गृह मंत्री अमित शाह ने आला सुरक्षा अधिकारियों से बात की और उन्हें सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी.
कहां मारा गया 1 करोड का इमानी हिडमा
आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में मंगलवार को आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर माडवी हिडमा समेत छह माओवादी मारे गए. यह मुठभेड़ मारेडुमिली वन क्षेत्र में उस समय हुई जब छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान में लगे हुए थे.
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सुरक्षाबलों के लिए क्यों बड़ी कामयाबी
माओवादी विरोधी अभियानों में हिडमा की हत्या को सुरक्षा बलों की एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गोलीबारी उस समय हुई जब सुरक्षा बलों ने माओवादियों के एक समूह को घेर लिया और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा. इसके बाद, माओवादियों ने कथित तौर पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे सुरक्षाकर्मियों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. सुरक्षा बल कुछ माओवादियों की तलाश में अभियान जारी रखे हुए थे, जिनके जंगलों में गहरे भाग जाने का संदेह था.
कौन था हिडमा, जिसका इतना खौफ
यह मुठभेड़ आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के त्रि-जंक्शन बिंदु के पास हुई. हिडमा को भारत में सबसे वांछित माओवादी कमांडर माना जाता था. 43 वर्षीय हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन की बटालियन संख्या एक का प्रमुख था, जिसे सबसे घातक माओवादी हमला इकाई कहा जाता है. 50 लाख रुपए का इनामी हिडमा, भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी था. उसे 2010 में दंतेवाड़ा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 76 जवानों के नरसंहार का मास्टरमाइंड बताया गया था.
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यह भारत में सुरक्षा बलों पर माओवादियों द्वारा किया गया सबसे घातक हमला था. उस पर 2013 में छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में शीर्ष कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोगों की हत्या में शामिल होने का भी संदेह था. हिडमा को 2021 में छत्तीसगढ़ के सुकमा में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 22 जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड भी माना जाता है. शीर्ष माओवादी कमांडर की हत्या छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की कई सफलताओं के बाद हुई है. यह मुठभेड़ प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के लिए आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र में फिर से संगठित होने के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई, जिसे कभी माओवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता था.
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