हिजबुल कमांडर बुरहान वानी (बीच में) (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कश्मीर का पोस्टर ब्वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया। जानकारी के मुताबिक़ सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर बामडूरा (वीरेनाग) अनंतनाग के पास मुठभेड़ में बुरहान को मार गिराया।
एनडीटीवी इंडिया ने बुरहान के मारे जाने की ख़बर सबसे पहले ब्रेक की थी। बुरहान सोशल मीडिया के ज़रिए नौजवानों को हिज़्बुल के साथ जुड़ने के लिए उकसता था। सोशल साइट पर उसके कई फोटो वायरल हो चुके हैं। हाल में एक वीडीयो में इसने नौजवानों को पुलिस पर हमला करने को कहा था।
22 साल का यह आतंकी पिछले तीन साल से कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। दक्षिण कश्मीर में वह काफी सक्रिय था। श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में पुलिसवालों के मारे जाने के पीछे इसी का हाथ बताया जाता है।
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया, "ये सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।" उनके मुताबिक़ ये तराल का रहने वाला है, इसके पिता एक सरकारी नौकर हैं।
खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने की कार्रवाई
मुठभेड़ का ब्योरा देते हुए राज्य सरकार के उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह मुठभेड़ तब हुई जब एक स्पष्ट सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के बुमडूरा गांव में तीन उच्च-प्रशिक्षित आतंकवादी मौजूद हैं। सूत्रों ने बताया कि यह सूचना मिलते ही पुलिस टीमें हरकत में आ गईं और गांव से बाहर निकलने के सभी रास्तों को सील कर एवं थलसेना के साथ एक बाहरी घेरा बनाकर गांव में दाखिल हो गई। पथराव पर उतर आए स्थानीय लोगों के मामूली विरोध के बाद सुरक्षा बल दोपहर तीन बजे गांव में दाखिल हुए। सुरक्षा बलों को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सरताज की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी, जिससे उम्मीदें जागी थीं कि वहां बुरहान भी मौजूद हो सकता है, क्योंकि पहले मिली खुफिया सूचनाओं में बताया गया था कि दोनों साथ ही रहते हैं। सूत्रों ने बताया कि शाम करीब 6:15 बजे मुठभेड़ खत्म हुई और जब देखा गया कि मारे गए तीन आतंकवादियों में एक बुरहान भी है तो सुरक्षा बल खुशी से झूम उठे।
सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को बहकाता था बुरहान
सोशल मीडिया पर वीडियो एवं तस्वीरें डालकर युवाओं से बंदूक उठाने की अपील कर बुरहान चर्चित हुआ था। श्रीनगर के बाहरी इलाके त्राल के रहने वाले बुरहान पर 10 लाख रुपये का इनाम था जबकि सरताज कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। मारे गए तीसरे आतंकवादी की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर बुरहान का आखिरी वीडियो सामने आया था जिसमें उसने और हमले करने की धमकी दी थी। फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बुरहान की कई तस्वीरें और उसकी तारीफ करने वाले कई पोस्ट डाले गए, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने हटवा दिया था लेकिन इससे उसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। बुरहान ने कई तकनीक पसंद आतंकवादी तैयार किए जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल नए युवाओं को तलाशने और कश्मीरी नौजवानों पर अपना प्रभाव डालने के लिए करते थे।
बुरहान के मारे जाने पर घाटी के कुछ इलाकों में तनाव की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घाटी में फिलहाल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। इस आतंकी के मरने की खबर फैलते ही त्राल इलाके में युवा घरों से बाहर निकल आए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्विटर पर कहा कि अगर बुरहान मारा गया है तो कश्मीर में अगले कुछ दिन तनावपूर्ण हो सकते हैं।
इस घटना को लेकर त्राल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके मद्देनजर कश्मीर में शनिवार को होने वाली बोर्ड की परीक्षाएं आगे बढ़ा दी गई हैं। प्रशासन का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं।
पाकिस्तान समर्थक हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने बुरहान की मौत के विरोध में शनिवार को बंद का ऐलान किया है। सुरक्षा एजेंसियां भी घाटी में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका को देखते हुए तैयारियों में जुट गई हैं।
कौन है बुरहान
- 15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिजबुल से जुड़ा।
- उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था।
- कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था।
- उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा था।
- उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
(साथ में इनपुट भाषा से...)
एनडीटीवी इंडिया ने बुरहान के मारे जाने की ख़बर सबसे पहले ब्रेक की थी। बुरहान सोशल मीडिया के ज़रिए नौजवानों को हिज़्बुल के साथ जुड़ने के लिए उकसता था। सोशल साइट पर उसके कई फोटो वायरल हो चुके हैं। हाल में एक वीडीयो में इसने नौजवानों को पुलिस पर हमला करने को कहा था।
22 साल का यह आतंकी पिछले तीन साल से कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। दक्षिण कश्मीर में वह काफी सक्रिय था। श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में पुलिसवालों के मारे जाने के पीछे इसी का हाथ बताया जाता है।
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया, "ये सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।" उनके मुताबिक़ ये तराल का रहने वाला है, इसके पिता एक सरकारी नौकर हैं।
खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने की कार्रवाई
मुठभेड़ का ब्योरा देते हुए राज्य सरकार के उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह मुठभेड़ तब हुई जब एक स्पष्ट सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के बुमडूरा गांव में तीन उच्च-प्रशिक्षित आतंकवादी मौजूद हैं। सूत्रों ने बताया कि यह सूचना मिलते ही पुलिस टीमें हरकत में आ गईं और गांव से बाहर निकलने के सभी रास्तों को सील कर एवं थलसेना के साथ एक बाहरी घेरा बनाकर गांव में दाखिल हो गई। पथराव पर उतर आए स्थानीय लोगों के मामूली विरोध के बाद सुरक्षा बल दोपहर तीन बजे गांव में दाखिल हुए। सुरक्षा बलों को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सरताज की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी, जिससे उम्मीदें जागी थीं कि वहां बुरहान भी मौजूद हो सकता है, क्योंकि पहले मिली खुफिया सूचनाओं में बताया गया था कि दोनों साथ ही रहते हैं। सूत्रों ने बताया कि शाम करीब 6:15 बजे मुठभेड़ खत्म हुई और जब देखा गया कि मारे गए तीन आतंकवादियों में एक बुरहान भी है तो सुरक्षा बल खुशी से झूम उठे।
सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को बहकाता था बुरहान
सोशल मीडिया पर वीडियो एवं तस्वीरें डालकर युवाओं से बंदूक उठाने की अपील कर बुरहान चर्चित हुआ था। श्रीनगर के बाहरी इलाके त्राल के रहने वाले बुरहान पर 10 लाख रुपये का इनाम था जबकि सरताज कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। मारे गए तीसरे आतंकवादी की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद सोशल मीडिया पर बुरहान का आखिरी वीडियो सामने आया था जिसमें उसने और हमले करने की धमकी दी थी। फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर बुरहान की कई तस्वीरें और उसकी तारीफ करने वाले कई पोस्ट डाले गए, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने हटवा दिया था लेकिन इससे उसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई। बुरहान ने कई तकनीक पसंद आतंकवादी तैयार किए जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल नए युवाओं को तलाशने और कश्मीरी नौजवानों पर अपना प्रभाव डालने के लिए करते थे।
बुरहान के मारे जाने पर घाटी के कुछ इलाकों में तनाव की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घाटी में फिलहाल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। इस आतंकी के मरने की खबर फैलते ही त्राल इलाके में युवा घरों से बाहर निकल आए। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्विटर पर कहा कि अगर बुरहान मारा गया है तो कश्मीर में अगले कुछ दिन तनावपूर्ण हो सकते हैं।
इस घटना को लेकर त्राल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके मद्देनजर कश्मीर में शनिवार को होने वाली बोर्ड की परीक्षाएं आगे बढ़ा दी गई हैं। प्रशासन का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं।
पाकिस्तान समर्थक हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने बुरहान की मौत के विरोध में शनिवार को बंद का ऐलान किया है। सुरक्षा एजेंसियां भी घाटी में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका को देखते हुए तैयारियों में जुट गई हैं।
कौन है बुरहान
- 15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिजबुल से जुड़ा।
- उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था।
- कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था।
- उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिजबुल से जोड़ने का जिम्मा था।
- उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
(साथ में इनपुट भाषा से...)
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