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This Article is From May 09, 2022

दिव्‍यांग को उड़ान भरने से रोकने के फैसले को इंडिगो के CEO ने सही ठहराया, बच्चे को दिया ये ऑफर..

एयरलाइन ने बच्‍चे के लिए इलेक्ट्रिक व्‍हीलचेयर खरीदकर मामले को सुलझाने की भी पेशकश की है.

मनीषा गुप्ता नाम की एक यात्री ने लिंक्डइन पर इस घटना की विस्तार से जानकारी दी थी

नई दिल्‍ली:

लो कॉस्‍ट वाली एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने तीखी प्रतिक्रिया और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया की चेतावनी के बाद भी रांची में अपनी एक स्‍पेशल फ्लाइट में एक दिव्‍यांग बच्‍चे (child with special needs)को उड़ान भरने की अनुमति नहीं देने के अपने फैसले का बचाव किया है. हालांकि एयरलाइन ने बच्‍चे के लिए इलेक्ट्रिक व्‍हीलचेयर खरीदकर मामले को सुलझाने की भी पेशकश की है. इस मामले पर कमेंट करते हुए कंपनी के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (CEO)रोंजोय दत्‍ता ने कहा, 'चेक इन और बोर्डिंग प्रक्रिया के दौरान हमारा इरादा निश्चित रूप से परिवार को ले जाने का था लेकिन बोर्डिंग एरिया में किशोर दहशत में दिखाई दिया. अपने ग्राहकों को अच्‍छी सेवा प्रदान करना हमारे लिए सर्वोपरि है. इस घटना के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद एक संगठन के रूप में हमें लगता है कि मुश्किल परिस्थितियों में हमने सबसे बेहतर निर्णय लिया. हालांकि हम दुखद अनुभव के लिए प्रभावित परिवार के प्रति खेद व्यक्त करते हैं. इंडिगो, विमान में सवार होने से रोके गए बच्चे को सद्भावना के तौर पर इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर देने की पेशकश करना चाहेगा.'

गौरतलब है कि इंडिगो द्वारा रांची हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोके जाने के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से गुजरना नहीं पड़े. सिंधिया ने साथ ही यह कहा था कि वह खुद घटना की जांच कर रहे हैं. इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को रांची हवाई अड्डे पर विमान में सवार होने से रोक दिया क्योंकि वह ‘‘घबराया'' हुआ था. चूंकि लड़के को शनिवार को एअरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया था.अन्य यात्रियों ने रविवार को सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर पोस्ट किया, जिसके बाद शनिवार की यह घटना सामने आई थी. इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए सिंधिया ने सोमवार को ट्वीट किया था, ‘‘ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े.खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.'' नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा था कि नियामक ने इस मामले पर इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है.उन्होंने बताया कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा.

मनीषा गुप्ता नाम की एक यात्री ने लिंक्डइन पर इस घटना की विस्तार से जानकारी दी थी, उन्‍होंने कहा कि शनिवार को रांची हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग किशोर को काफी असुविधा हुई. मनीषा ने कहा, ‘‘हवाईअड्डे तक की यात्रा से हुई थकावट और फिर सुरक्षा जांच के तनाव से वह भूखा, प्यासा, बेचैन और भ्रमित हो गया. उसके माता-पिता जाहिर तौर पर जानते थे कि उसे कैसे संभालना है - धैये के साथ, गले लगाकर.''मनीषा गुप्ता ने बताया कि जब तक विमान में सवार होने की प्रक्रिया शुरू हुई तब तक बच्चे को खाना खिला दिया गया और उसकी दवाएं दे दी गईं. उन्होंने कहा, ‘‘फिर हमने क्रूर ताकत का पूरा प्रदर्शन देखा. इंडिगो कर्मियों ने घोषणा की कि बच्चे को विमान में सवार होने नहीं दिया जाएगा क्योंकि उससे अन्य यात्रियों को खतरा है. इंडिगो के प्रबंधक ने भी ‘इस तरह के बर्ताव और नशा किए यात्रियों पर कुछ कहा, जिससे वे यात्रा करने के योग्य नहीं होते.''उन्होंने कहा कि अन्य यात्रियों ने दृढ़ता से इसका विरोध किया और उन्होंने मांग की कि बच्चे और उसके माता-पिता को जल्द से जल्द विमान में सवार होने दिया जाए.उन्होंने कहा कि कई यात्रियों ने इंडिगो के फैसले को नियम पुस्तिका में लिखे बयानों के आधार पर चुनौती दी. यात्री ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर उच्‍चतम न्‍यायालयों के फैसलों पर समाचार लेख और ट्वीटर पोस्ट दिखाए कि कोई भी एअरलाइन दिव्यांग यात्रियों के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती. चिकित्सकों का एक दल भी इसी विमान में सवार था.उन्होंने बच्चे तथा उसके माता-पिता को बीच रास्ते में कोई दिक्कत होने पर पूरी सहायता देने की पेशकश की.''उन्‍होंने बताया कि इस पर भी, इंडिगो कर्मियों ने बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने का अपना निर्णय नहीं बदला.

घटना के बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो ने रविवार को कहा, ‘‘यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चा सात मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था.''उसने कहा कि कर्मचारियों ने आखिरी समय तक बच्चे के संयमित होने का इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उसने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी. इंडिगो ने कहा, ‘‘हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है. इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए और 75,000 से अधिक दिव्यांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं.''इस बीच, शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर ने इस घटना पर सोमवार को संज्ञान लिया और कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी.

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