प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और जाने-माने कानूनविद फली एस नरीमन ने बुधवार को कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों में सहिष्णुता का स्तर बहुत नीचे चला गया है और सहिष्णुता के स्तर में सुधार होने पर देश तेजी से प्रगति कर सकता है.
उन्होंने कहा, ''जीवन के सभी क्षेत्रों में सहिष्णुता का स्तर बहुत ही नीचे आ गया है और अगर सहिष्णुता का स्तर बेहतर होता है तो शायद हम बहुत अधिक और तेजी से विकास कर सकते हैं.''
'संविधान की प्रस्तावना' के महत्व और उद्देश्य को लेकर बात करते हुए नरीमन ने इसे संविधान की 'आत्मा' बताया और कहा कि यह अपने आप में संविधान के आदर्शों और उद्देश्यों का प्रतीक है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ''जीवन के सभी क्षेत्रों में सहिष्णुता का स्तर बहुत ही नीचे आ गया है और अगर सहिष्णुता का स्तर बेहतर होता है तो शायद हम बहुत अधिक और तेजी से विकास कर सकते हैं.''
'संविधान की प्रस्तावना' के महत्व और उद्देश्य को लेकर बात करते हुए नरीमन ने इसे संविधान की 'आत्मा' बताया और कहा कि यह अपने आप में संविधान के आदर्शों और उद्देश्यों का प्रतीक है.
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