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This Article is From Nov 09, 2023

राजस्थान के भिवाड़ी में आज देश में सबसे ज्यादा प्रदूषण, जानिए टॉप 10 प्रदूषित शहरों में कौन-कौन से शामिल

देश के टॉप-10 प्रदूषित शहरों की लिस्‍ट में आज सबसे ऊपर राजस्थान का भिवाड़ी सबसे ऊपर है, जहां एक्‍यूआई लेवल 463 के स्‍तर यानी गंभीर श्रेणी में है.

राजस्थान के भिवाड़ी में आज देश में सबसे ज्यादा प्रदूषण, जानिए टॉप 10 प्रदूषित शहरों में कौन-कौन से शामिल
प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली-एनसीआर और मुंबई का वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है. पिछले सप्ताह दिल्ली के दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल होने के बाद से मुंबई में भी स्थिति खराब हो गई है. दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में जहरीले स्मॉग चादर छा गई है और अधिकारियों ने स्कूल बंद कर दिए हैं. बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए कई और पाबंदियां लागू की जा चुकी है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मद्देनजर सभी स्कूलों की दिसंबर में होने वाली शीतकालीन छुट्टियों में फेरबदल किया गया है और ये अब नौ नवंबर से 18 नवंबर तक होंगी.

देश के टॉप-10 प्रदूषित शहर...

देश के टॉप-10 प्रदूषित शहरों की लिस्‍ट में आज सबसे ऊपर राजस्थान का भिवाड़ी सबसे ऊपर है, जहां एक्‍यूआई लेवल 463 के स्‍तर यानी गंभीर श्रेणी में है. दूसरे नंबर पर यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 450 है. तीसरे नंबर पर दिल्ली में 422 चौथे नंबर पर हरियाणा के कैथल में 421 पांचवे पर सोनीपत में 415 छठे पर फरीदाबाद, सातवें पर फतहेबाद में 415, आठवें जिंद में 410 नौवें नंबर पर गुरुग्राम में 396 एक्यूआई दर्ज किया गया. जबकि दसवें पर उत्तर प्रदेश के नोएडा में 394 दर्ज किया गया.

दिल्‍ली में फिर 'ऑड-ईवन' फॉर्मूला...

बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन कार योजना लागू की जाएगी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली में दीवाली के बाद 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन योजना लागू की जाएगी. इस योजना की अवधि बढ़ाने पर फैसला 20 नवंबर के बाद लिया जाएगा." इस योजना के तहत ऑड या ईवन पंजीकरण संख्या वाली कारों को वैकल्पिक दिनों (एक दिन छोड़कर एक दिन) पर चलाने की अनुमति दी जाती है.

दिल्ली के प्रदूषण पर पराली का कितना असर

पड़ोसी राज्यों में धान की कटाई के बाद पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक तिहाई योगदान रहता है. मामूली गिरावट के बावजूद श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने में सक्षम सूक्ष्म कण पीएम 2.5 की सांद्रता राष्ट्रीय राजधानी में सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की निर्धारित सीमा से सात से आठ गुना अधिक हो गई है. यह डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सीमा से 30 से 40 गुना अधिक है.

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