टीएमसी नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने गुजरात के मोरबी हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से जुड़े फर्जी डॉक्यूमेंट्स पोस्ट किए थे. यह जानकारी गोखले की राजस्थान से नाटकीय गिरफ्तारी के बाद पुलिस सूत्रों ने दी. तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले को जयपुर में पीएम मोदी पर "फर्जी खबर" फैलाने वाले एक ट्वीट के लिए हिरासत में लिया गया था. उनकी ये गिरफ्तारी अहमदाबाद में भाजपा नेता अमित कोठारी की पुलिस शिकायत के बाद हुई.
अब उन्हें इस मामले में जालसाजी जैसे आरोपों का सामना करना पड़ेगा, जिससे पांच साल की जेल हो सकती है. 1 दिसंबर के ट्वीट में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जवाब का हवाला दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि "प्रधानमंत्री की मोरबी यात्रा का गुजरात सरकार को 30 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े", जो कि पीड़ितों को दिए गए मुआवजे (कुल 5 करोड़ रुपये) से कहीं अधिक है. उसी दिन सरकार की फैक्ट चेक यूनिट ने इसे "फर्जी" करार दिया.
गुजरात पुलिस साइबर सेल के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि माना जाता है कि साकेत गोखले ने अपने ट्वीट में मीडिया क्लिपिंग में अखबार गुजरात समाचार के फॉन्ट का इस्तेमाल किया है और दावा किया है कि यह एक आरटीआई जवाब है. गुजरात समाचार ने कोई आरटीआई दाखिल करने से इनकार किया. हालांकि सूत्रों ने कहा, "इस आरटीआई को साकेत गोखले ने तैयार किया था." उन्होंने यह भी बताया कि आरटीआई का जवाब देने में आमतौर पर लगभग दो महीने लगते हैं.
Quoting an RTI, It is being claimed in a tweet that PM's visit to Morbi cost ₹30 cr.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 1, 2022
▪️ This claim is #Fake.
▪️ No such RTI response has been given. pic.twitter.com/CEVgvWgGTv
गोखले ने संवाददाताओं से कहा कि यह "एक विडंबना" थी कि उन्हें ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था जब पुल त्रासदी के दोषी - पुल की मरम्मत और रखरखाव के लिए नियुक्त ओरेवा कंपनी के मालिक खुले घूम रहे हैं. गुजरात पुलिस ने करते हुए बताया कि गोखले को तृणमूल के राज्यसभा नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्वीट किया और इसे भाजपा द्वारा "राजनीतिक प्रतिशोध" कहा. उन्होंने कहा कि गोखले ने सोमवार रात दिल्ली से जयपुर के लिए उड़ान भरी थी, जहां से उन्हें गुजरात पुलिस ने "उठा लिया". हाल ही में उनकी दिल की सर्जरी हुई थी और वह जयपुर के निजी दौरे पर थे.
राजस्थान पुलिस ने कहा कि उनके पास कोई सुराग नहीं है. गुजरात पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्हें कभी सूचित नहीं किया गया. सूत्रों ने कहा, "साकेत गोखले गुजरात राज्य में एक मामले में आरोपी हैं. गुजरात पुलिस ने जाकर उसे हिरासत में लिया. हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया. साकेत गोखले को सूचित नहीं किया गया था या गुजरात आने के लिए नहीं कहा गया था. हमने उसे राजस्थान में रोका और उसे उठा लिया."
सूत्रों का कहना है कि उनका मोबाइल जब्त किए जाने से पहले उन्हें 1.5 से 2 मिनट का फोन कॉल करने दिया गया था. इस दौरान उन्होंने अपनी मां को फोन किया और चिंता न करने के लिए कहा. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तृणमूल प्रमुख, ने कहा कि साकेत गोखले ने केवल वही ट्वीट किया था जो उन्होंने सोचा था कि समाचार रिपोर्ट थी. अजमेर की यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह एक बदले की भावना है और मैं इसकी निंदा करती हूं."
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