नई दिल्ली। करीब 6 घंटों की जबरदस्त मुठभेड़ के बाद सेना और अन्य सुरक्षाबलों ने उन दो फिदायीनों को मार गिराया है, जिन्होंने आज तड़के कठुआ के राजबाग पुलिस स्टेशन पर आत्मघाती हमला बोला था। हमले में 3 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक की भी मौत हो गई है। इस हमले के बाद एक बार फिर सीमा पर तैनात बीएसएफ के उन दावों पर सवाल उठने लगे हैं, जिसमें वह दावा करती है कि उसके रहते आतंकी सीमा पार नहीं कर सकते। इस बीच सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि यहां हमला करने वाले आतंकी सुबह ही तारबंदी को काट कर अंदर आये थे।
आतंकियों ने कठुआ के राजबाग थाने पर सुबह 6 बजे हमला किया था। अचानक हुए हमले से थाने में अफरा-तफरी मच गई। करीब 6 घंटे चली मुठभेड़ के बाद सेना के जवान आतंकियों को मार गिराया। हमले में आतंकियों समेत 6 लोगों के मारे गए है। मारे गये लोगों में दो जवान सीआरपीएफ को और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस का है। हमले में एक ड्राइवर की मौत हो गई है।
हमले में दस लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रशासन ने कठुआ के स्कूल और कॉलेजों को बंद करा दिया था और छात्रों की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था। वैसे कठुआ के राजबाग थाने पर हमला करने वाले आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए थे।
वे दोनों आतंकी सेना की वर्दी में थे और क्लीन शेव थे। दोनों की उम्र 24-25 साल बताई जा रही है। कहा ये जा रहा है कि ये आतंकी लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े थे। ये आतंकी पाकिस्तान से भारतीय सीमा पार करके हमीरपुर से भारत में दाखिल हुए थे।
वहां से आतंकी ऑटो ड्राइवर भारत भूषण के ऑटो से बार्डर से दस किमी की दूरी तक आए। फिर दोनों आतंकियों ने वाहन को कब्जे में लिया। वाहन को लेकर आंतकी राजबाग थाने पहुंचे।
आतंकियों ने वहां गोलीबारी शुरू कर दी और पूरे थाने को कब्जे में ले लिया। हमले के बाद सेना ने थाने को घेर लिया और आसपास के इलाके को सील कर दिया। सेना ने पहले थाने से लोगों को सुरक्षित निकाला फिर आतंकियों को ढ़ेर कर दिया।
यह पुलिस स्टेशन अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। सुरक्षा बलों ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक को बंद कर दिया था। इस राजमार्ग पर बढ़ते आतंकी हमलों के कारण पिछले हफ्ते ही सेना ने सरकार को अगाह था कि वह इस राजमार्ग पर नागरिक यातायात को कम किया जाए और उसे दूसरे मार्ग पर शिफ्ट कर दिया जाए।
मुफ्ती सरकार बनने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहली बड़ी आतंकी वारदात है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बलों को अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में लश्कर और जैश के 60 खतरनाक आतंकी घुसपैठ के फिराक में हैं।
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