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This Article is From Jun 09, 2022

इस्लामिक राष्ट्रों को भारत के खिलाफ भड़काने वालों के विरुद्ध चले देशद्रोह का मुकदमा : उदय माहुरकर

उदय माहुरकर ने कहा, “सावधान रहें, एकतरफा धर्मनिरपेक्षता और हिंदुओं की कीमत पर हिंदू-मुस्लिम एकता के दिन अब राष्ट्रीय जागरण के इस नए युग में लद गए हैं.”

इस्लामिक राष्ट्रों को भारत के खिलाफ भड़काने वालों के विरुद्ध चले देशद्रोह का मुकदमा : उदय माहुरकर
प्रतिकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ टिप्पणी पर इस्लामिक देशों (Islamic Countries) ने नाराजगी व्यक्त की है. हालांकि पार्टी ने अब उन्हें निलंबित कर दिया है. इस पर केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर (Central Information Commissioner Uday Mahurkar) ने कहा है कि भारत को उन नागरिकों की सूची बनानी चाहिए, जिन्होंने इस्लामिक देशों को इसके खिलाफ उकसाय और ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप (Sedition Charge) लगाया जाना चाहिए.

पारदर्शिता निगरानी संस्था केंद्रीय सूचना आयोग में नियुक्त पूर्व पत्रकार माहुरकर ने एक ट्वीट में कहा, “राष्ट्र ने पैगंबर मोहम्मद विवाद पर कदम उठाए हैं. अब भारत के लिए उन भारतीय नागरिकों की सूची बनाने का समय है, जिन्होंने भारत के खिलाफ इस्लामी राष्ट्रों को उकसाया और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया जाए.”

उन्होंने ट्वीट किया, “उनकी गतिविधि राष्ट्र विरोधी है. कानून बनाकर उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है.”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “वामपंथियों और ‘पैन-इस्लामवादियों' ने नीचे मेरे ट्वीट पर सवाल उठाए हैं. क्या उन्होंने कभी नफरत फैलाने वाले जाकिर नाइक और एमएफ हुसैन की उनकी ईशनिंदा के लिए आलोचना की?”

उन्होंने कहा, “सावधान रहें, एकतरफा धर्मनिरपेक्षता और हिंदुओं की कीमत पर हिंदू-मुस्लिम एकता के दिन अब राष्ट्रीय जागरण के इस नए युग में लद गए हैं.”

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माहुरकर की इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया, “यह सज्जन खुद को एक पत्रकार कहते हैं, जिन्हें कहीं से केंद्रीय सूचना आयोग में लाकर बैठा दिया गया था. आप देख सकते हैं कि कैसे इस सरकार द्वारा वैधानिक और संवैधानिक निकायों को व्यवस्थित रूप से नष्ट किया जा रहा है.”

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, माहुरकर ने कहा, “उस व्यक्ति से सलाह की आवश्यकता नहीं है जिन्होंने लगातार राष्ट्रीय हित के खिलाफ वैचारिक रुख अपनाया हो. लेखक, पूर्व पत्रकार और देशभक्त नागरिक के रूप में मैं राष्ट्रीय सुरक्षा और इतिहास पर अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार रखता हूं. सूचना आयुक्त के रूप में, मेरे बारे में निर्णय मेरे फैसलों पर किया जाएगा जो बिना किसी पक्षपात या भय के हैं.”

बता दें कि पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई थी और कुछ इस्लामी देशों ने माफी की मांग भी की थी.

इस पर कांग्रेस ने पूछा है कि देश को क्यों माफी मांगनी चाहिए और भाजपा नेताओं के “गलत कृत्यों” का अंजाम क्यों भुगतना चाहिए.

सरकार ने इन टिप्पणियों से दूरी बना ली है और भाजपा ने शर्मा को निलंबित और जिंदल को निष्कासित कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कुछ व्यक्तियों के बयान, सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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