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3 years ago
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एसजी ने कहा कि हमने एक प्रस्ताव तैयार किया है. हम एक संज्ञेय अपराध को नहीं रोक सकते जो कि किया जाएगा. लेकिन हमने एक प्रोपोजल तैयार किया है. एफआईआर तभी दर्ज हो, जब एसपी स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी को लगता है कि देशद्रोह का आरोप लगाया जाना चाहिए. एसजी ने कहा कि आप निर्देश दे सकते हैं कि जमानत के आदेश पर शीघ्र निर्णय लिया जाए. लेकिन इससे परे एक ऐसे कानून पर बने रहना गलत होगा, जिसकी संवैधानिकता को पहले ही आंका जा चुका है. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हम इस प्रस्ताव का विरोध करते हैं. 

Here are the Live updates on Sedition case : 

राजद्रोह में बंद लोग बेल के लिए कोर्ट जा सकते हैं
राजद्रोह में बंद लोग बेल के लिए कोर्ट जा सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि नई एफआईआर होती है तो वह कोर्ट जा सकते हैं. इसका निपटारा जल्द से जल्द कोर्ट करें. चीफ जस्टीस ने कहा है कि केंद्र सरकार कानून पर पुनर्विचार करेगी . पूरी खबर के लिए यहां क्लिक करें. 
सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों पर रोक लगा दी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजद्रोह की धारा 124-A में कोई नया केस नहीं दर्ज हो. सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों पर रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र बोला
कोर्ट में बोले एसजी

एसजी ने कहा कि जनहित याचिका के आधार पर कानून पर रोक लगाना ठीक नहीं होगा. कोई भी आरोपी इस न्यायालय के समक्ष नहीं है. 

देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
बुधवार को देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.

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