'जो लोग बस जला रहे हैं, वे सेना के लिए फिट नहीं' : अग्निपथ के खिलाफ प्रदर्शन पर बोले पूर्व सेना प्रमुख

कारगिल युद्ध के दौरान भारत को जीत दिलाने वाले तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (General VP Malik) ने अग्निपथ योजना (Agneepath Yojana) का समर्थन किया और कहा कि अल्पकालिक भर्ती योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ( Protest) के दौरान हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार गुंडों की भर्ती में सेना की कोई दिलचस्पी नहीं है.

नई दिल्ली:

कारगिल युद्ध के दौरान भारत को जीत दिलाने वाले तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (General VP Malik) ने अग्निपथ योजना (Agneepath Yojana) का समर्थन किया और कहा कि अल्पकालिक भर्ती योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ( Protest) के दौरान हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार गुंडों की भर्ती में सेना की कोई दिलचस्पी नहीं है. बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से दिन भर हिंसा की खबरें आईं. ट्रेनों में आग लगा दी गई, रेल और सड़क यातायात बाधित हो गया. बसों की खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए. भाजपा विधायक पर हमला कर दिया गया. अल्पकालिक भर्ती योजना को वापस लेने की मांग को लेकर गुस्साए युवाओं ने पथराव किया.

जनरल मलिक ने एनडीटीवी को बताया, 'हमें यह समझना होगा कि सशस्त्र बल एक स्वयंसेवी बल हैं. यह एक कल्याणकारी संगठन नहीं है और इसमें देश के लिए लड़ने वाले सबसे अच्छे लोग होने चाहिए, जो देश की रक्षा कर सकें. जिन लोगों ने गुंडागर्दी की, ट्रेनों और बसों को जलाया, ये वे लोग नहीं हैं, जिन्हें हम सशस्त्र बलों में रखना चाहेंगे.'साथ ही उन्होंने कहा, 'उनमें से कुछ लोग आयु सीमा से बाहर हो चुके होंगे. वे अग्निपथ योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. इसलिए उनकी चिंता और हताशा मैं समझ सकता हूं.'

जनरल मलिक ने संकेत दिया कि सेना अभ्यार्थियों को नौकरियों की चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि सरकार ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों में लेट्रल एंट्री का आश्वासन दिया है.उन्होंने कहा, 'एक बड़ी संख्या को निजी क्षेत्र में शामिल किया जाएगा. हालांकि, अभी नौकरी की गारंटी नहीं दी जा सकती है.'

यह पूछे जाने पर कि क्या यह एक समस्या होगी कि बहुत उच्च तकनीक प्रणालियों को संभालने के लिए प्रशिक्षित लोग चार साल में बाहर हो जाएंगे, जनरल मलिक ने कहा कि "बेहतर शिक्षित और तकनीकी जानकार" लोगों की भर्ती पर जोर दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, 'आईटीआई और अन्य तकनीकी संस्थानों से लोगों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्हें बोनस अंक दिए जा रहे हैं और हम सशस्त्र बलों में इस तरह के लोगों को चाहते हैं. ऐसे लोगों को सेवा विस्तार दिया जा सकता है.' उन्होंने कहा, "योजना को लागू होने दें. एक बार जब हमें पता चल जाए कि कमियां कहां हैं, तो सुधार किया जा सकता है.'

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