असम के धौलपुर गांव में गुरुवार को एक 30 वर्षीय युवक की गोली मारकर और पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. युवक की पहचान मोइनुल हक के रूप में हुई है. मोइनुल के तीन बच्चे हैं और अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल भी वही करता है. वे एक जमीन के एक छोटे से हिस्से में सब्जियां उगाकर अपना जीवन चला रहे थे, सरकार का कहना है कि वह जमीन उनकी नहीं है, और उन्हें वहां से हटा दिया गया. रोते हुए मोइनुल हक के पिता ने कहा कि "उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला है. क्या हम बांग्लादेशी हैं? फिर हमें विदा करें!"
असम में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प कैमरे में 'कैद', दो लोगों की हुई मौत
मोइनुल हक की पत्नी और मां सोमवार से अपने घरों से उजड़े करीब 800 परिवारों के लिए एक अस्थायी राहत शिविर में टिन शेल्टर के नीचे रहने के कारण फूट-फूट कर रोने लगे. बच्चे जिसमें 7 और 2 साल के दो लड़के और एक 5 साल की बच्ची शामिल है- पास में बैठी हुई थी जो स्तब्ध थीं. उनके पिता के शव को सिपाझार के एक अस्पताल में भेज दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने मुआवजे की घोषणा होने तक शवों को लेने से इनकार कर दिया है.
असम के दरांग जिले में गुरुवार को पुलिस और कथित अतिक्रमणकारियों के बीच हुई झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 20 अन्य घायल हो गये. फिलहाल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया सिपाझार के गोरोइखुटी, ढोलपुर I और III गांवों में सुरक्षा बल की भारी तैनाती की गई है, जहां अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था. बता दें कि दरांग जिला प्रशासन ने सोमवार से अब तक 602.4 हेक्टेयर भूमि खाली कराई है और 800 परिवारों को हटाया है. सिपाझार में चार "अवैध रूप से" निर्मित धार्मिक ढांचो को भी ध्वस्त किया गया है.
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मुख्यमंत्री ने सात जून को क्षेत्र का दौरा किया था और ढोलपुर शिव मंदिर के पास ‘‘अवैध रूप से रहे रहे लोगों'' द्वारा कथित रूप से अतिक्रमण किए गए नदी क्षेत्रों का निरीक्षण किया था, साथ ही जिला प्रशासन को सामुदायिक कृषि परियोजना के लिए क्षेत्र को खाली करने का निर्देश दिया था.
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